चंडीगढ़ : पंजाब विधान सभा स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां और राज्य के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने आज गुरू अंगद देव वैटरनरी और एनिमल सायंसिज़ यूनिवर्सिटी लुधियाना में तीसरी कानवोकेशन के दौरान पीएच.डी, मास्टरज़ और बैचलर प्रोग्रामों के विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं।
समागम के दौरान जहां भारती डेयरी एसोसिएशन के प्रधान और अमूल के पूर्व प्रशासनिक निर्देशक स. रुपिन्दर सिंह सोढी को देश के सहकारिता और डेयरी उद्योग में डाले सराहनीय योगदान के लिए पीएच.डी की ऑनरेरी डिग्री के साथ नवाजा गया, वहीं अपने अकादमिक प्रोग्रामों को सफलतापूर्वक मुकम्मल करने वाले पीएच.डी, मास्टरज़ और बैचलरज़ के विद्यार्थियों को कुल 315 डिग्रियां, 102 मेरिट सर्टिफिकेट और 17 गोल्ड मैडल प्रदान किए गए।
यूनिवर्सिटी के सख़्त अकादमिक और अनुसंधान प्रोग्रामों को सफलतापूर्वक पूरा करके डिग्रियां प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, उनके अध्यापकों और माता-पिता को बधाई देते हुये स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया कि वे मेहनत, ईमानदारी और लगन के साथ अपना कार्य करें जिससे उनको ज़िंदगी में बढ़िया नतीजे मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पेशेवराना जीवन में कई चुनौतियों आऐंगी परन्तु वे अपने सिद्धांतों पर कायम रहें। उन्होंने मातृ-भाषा की महत्ता सम्बन्धी विशेष ज़िक्र किया कि अपनी भाषा के उचित प्रयोग के साथ बड़े लक्ष्य प्राप्त किये जा सकते हैं।
अपने संबोधन के दौरान पशु पालन मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि यूनिवर्सिटी अपनी गुणवत्ता भरपूर विद्या द्वारा बहुत उच्च स्तर के पेशेवर तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि इन विद्यार्थियों के योगदान से पशु पालन क्षेत्र और बुलन्दियां छूऐगा और सामाजिक आर्थिक विकास में और ज़्यादा योगदान डालेगा। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि लड़कियां शैक्षिक क्षेत्र में उल्लेखनीय काम कर रही हैं। छात्राओं की प्राप्तियों की सराहना करते हुये उन्होंने कहा कि लड़कियों को लड़कों के समान समझना चाहिए क्योंकि वे भी लड़कों की तरह परिवार का स्तंभ हैं।
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. इन्द्रजीत सिंह ने कानवोकेशन रिपोर्ट में यूनिवर्सिटी की उल्लेखनीय उपलब्धियों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के अध्यापक और कर्मचारी अध्यापन, अनुसंधान और प्रसार गतिविधियों के लिए अहम योगदान दे रहे हैं। यूनिवर्सिटी के विभिन्न छोटे-बड़े कोर्सों में 2200 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा हासिल कर रहे हैं। यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय स्तर पर 74 अनुसंधान प्रोजेक्टों पर काम कर रही है। आधुनिक सूचना-संचार यंत्रों के द्वारा संस्था की तरफ से हर स्तर पर किसानों और समाज तक पहुँच की जा रही है। स. रुपिन्दर सिंह सोढी ने डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करने के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन का धन्यवाद करते हुये कहा कि मेहनत करते हुये ज़िंदगी में हर मंजिल प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के कई तजुर्बे और यादें साझा कीं।
रजिस्ट्रार डॉ. हरमनजीत सिंह बांगा ने बताया कि विद्यार्थियों को कुल 315 डिग्रियां, 102 मेरिट सर्टिफिकेट और 17 स्वर्ण पदक प्रदान किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों को डाक्टर आफ फिलासफी, मास्टर ऑफ वैटरनरी साईंस, मास्टर ऑफ डेयरी साईंस एंड टैक्नोलोजी, मास्टर ऑफ फ़िशरीज़ साईंस, मास्टर ऑफ वैटरनरी साईंस/मास्टर ऑफ साईंस (बायोटैक्नोलोजी), बैचलर ऑफ वैटरनरी साईंस और एनिमल हसबैंडरी, बैचलर ऑफ डेयरी साईंस एंड टैक्नोलोजी, बैचलर ऑफ फ़िशरीज़ साईंस और बैचलर ऑफ बायोटैक्नोलोजी की डिग्रियां प्रदान की गईं। यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक बोर्ड के सदस्यों, यूनिवर्सिटी अधिकारियों, गणमान्य शख्सियतों और अध्यापकों ने भरपूर रूप में कानवोकेशन में शिरकत की।