कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को पश्चिम बंगाल में नगरपालिका भर्तियों में कथित घोटाले की जांच करने का निर्देश दिया है। स्कूल में नौकरी के लिए रिश्वत घोटाले की जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय को मिले सबूतों को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने ये निर्देश दिया है। ईडी ने हाईकोर्ट को बताया कि स्कूलों में नौकरियों से जुड़े रिश्वत घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार अयान सिल जैसे एजेंट पश्चिम बंगाल में विभिन्न नगर पालिकाओं में क्लर्क, सफाईकर्मी, चपरासी, ड्राइवर आदि की भर्ती में हुए कथित अवैध कामों में भी शामिल थे।
इसके बाद जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपने आदेश में कहा कि मैं सीबीआई को नगर पालिका भर्ती घोटाले में भी जांच करने का निर्देश देता हूं. जिसमें अयान सिल और उसके जैसे एजेंट आमतौर लाभार्थी हैं और दोनों मामलों (यानी शिक्षा घोटाला और नगर पालिका भर्ती घोटाला) में बड़े पैमाने पर पीड़ित आम लोग हैं। शुक्रवार को दिए गए आदेश में उन्होंने निर्देश दिया कि अगर जरूरी हो तो सीबीआई कथित नगर पालिका भर्ती घोटाले से संबंधित मामले की जांच के लिए एक एफआईआर दर्ज कर सकती है।
जस्टिस गंगोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी और राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वे अपने अधीन सभी संबंधित विभागों को अनुरोध किए जाने पर नगरपालिका भर्ती में कथित घोटाले की जांच करते समय सीबीआई और ईडी को उनके कामकाज में मदद करने का निर्देश दें। कलकत्ता हाईकोर्ट ने सीबीआई को इस आदेश के आधार पर उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए 28 अप्रैल को एक रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।
ईडी ने अर्जी दाखिल करते हुए कहा था कि शिक्षक भर्ती घोटाले में पैसे के लेन-देन की जांच के दौरान उसे इस राज्य में नगरपालिका भर्तियों में कथित घोटाले का पता चला। ईडी ने कहा कि कथित नगरपालिका भर्ती घोटाले की जांच के लिए आईपीसी के जरूरी कानूनों और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत सीबीआई की जांच के लिए एक अलग एफआईआर की जरूरत होगी।