नई दिल्ली । कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया जमीन घोटाले मामले में हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने राज्यपाल के आदेश को चुनौती दी है। राज्यपाल ने सीएम पर मामला दर्ज करने की मंजूरी दी है। यह मामला एमयूडीए घोटाले से संबंधित है, जिसमें सिद्धारमैया की पत्नी को केसरूर में तीन एकड़ और 16 गुंटा कृषि भूमि के अवैध अधिग्रहण के लिए एक पॉश इलाके में वैकल्पिक भूखंड मिला था।
सिद्धारमैया ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने भी मुख्यमंत्री को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति क्यों न दी जाए। जवाब में, कर्नाटक कैबिनेट ने दृढ़ता से सिफारिश की कि राज्यपाल सीएम को जारी नोटिस वापस लें। सीएम सिद्धारमैया का कहना है कि अलग-अलग घोटालों में एचडी कुमारस्वामी और बीएस येदियुरप्पा की संलिप्तता को उजागर करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं विपक्षी नेताओं और उन घोटालों को उजागर करूंगा, जिनमें वे कथित रूप से शामिल हैं।
विपक्ष सिद्धारमैया की छवि को खराब करने कोशिश कर रहे हैं। वे लोगों के आशीर्वाद से सत्ता में आई इस सरकार को हटाने षड़यंत्र कर रहे हैं। बता दें कि बीजेपी सिद्धारमैया का इस्तीफा मांग रही है। वहीं बीजेपी के सुर में टीएमसी ने भी सुर मिला दिया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने एक्स पर राहुल गांधी से पूछा कि आखिर वह सिद्धारमैया का इस्तीफा क्यों नहीं मांग रहे हैं। बता दें कि सिद्धारमैया की छवि अब तक बेदाग ही मानी जाती है। बीते 10 साल में बीजेपी ने भी उनके खिलाफ एक भी शिकायत नहीं दर्ज करवाई। वहीं अब राज्यपाल द्वारा मुकदमा चलाने को मंजूरी दिए जाने के बाद बीजेपी आक्रामक है।