HomeHaryana Newsसीएम विंडो से जनसंवाद तक का सफर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने...

सीएम विंडो से जनसंवाद तक का सफर : मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हरियाणा में लिखी नई इबारत

चंडीगढ़– हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विगत 9 वर्षों में सेवा भाव से जनहित में कार्य करके जिस प्रकार से प्रदेश की राजनीति की परिभाषा को बदला है, उससे आज हर कोई आश्चर्यचकित है कि सत्ता सुख भोगने का नहीं बल्कि सेवा का भी माध्यम बन सकती है। इससे गरीब से गरीब व्यक्ति के मन में आत्मविश्वास जगा है कि अब उनकी बात सुनने वाला भी कोई नेता है। अन्यथा उनके हकों पर दबंग व्यक्तियों का दबदबा रहता था और उन्हें पता ही नहीं होता था कि सरकार ने उनके हक में कल्याणकारी योजनाएं भी चला रखी हैं। वर्ष 2014 में जब मनोहर लाल ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, तो उन्होंने जन कल्याण का संकल्प लिया था। मुख्यमंत्री ने एक कुशल प्रशासक, सुलझे राजनीतिज्ञ व रणनीतिकार के रूप में पिछले 9 वर्षों में पारदर्शी तरीके से जन कल्याण कार्य करके एक ऐसी सरकार चलाई है कि हर कोई मनोहर लाल का कायल है।

सुशासन ही सेवा का माध्यम विज़न को मुख्यमंत्री ने किया साकार – भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन की अवधारणा को सत्ता का आधार मानकर श्री मनोहर लाल ने आम नागरिक की पहुंच प्रदेश के मुखिया तक पहुंचाने के लिए 25 दिसंबर, 2014 को एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए सीएम विंडो की शुरुआत की थी। इस विंडो के माध्यम से प्रदेश का कोई भी व्यक्ति अपनी शिकायतों को सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचा सकता है और इन 9 सालों में लगभग 12 लाख शिकायतें सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंची है, जिनमें से 10 लाख से अधिक शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। सीएम विंडो की शुरुआत में किसी ने भी नहीं सोचा था कि इस प्रकार का प्रकल्प हरियाणा में हो सकता है, लेकिन श्री मनोहर लाल की दूरदर्शिता व उनके डिजिटल हरियाणा के विज़न के चलते यह संभव हुआ है।

आज जनसंवाद बन चुका है जन-जन की आवाज – पंडित दीन दयाल उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को जमीनी हकीकत पर उतारने के लिए मुख्यमंत्री ने सीएम विंडो के बाद लोगों की शिकायतें, मांगें व सुझाव लेने के लिए सीधे लोगों के बीच जाने की पहल शुरू की। इसके लिए मुख्यमंत्री ने 2 अप्रैल, 2023 को भिवानी जिले से अपने जनसंवाद कार्यक्रम की शुरुआत की और यह भी अनोखी बात रही कि उन्होंने सबसे पहले ऐसे जिले का चयन किया जहां से तीन-तीन मुख्यमंत्री रहे हैं। पिछले लगभग साढ़े 5 माह में जन संवाद कार्यक्रम आज जन-जन की आवाज बन चुका है और हर कोई चाहता है कि जन संवाद कार्यक्रम उनके शहर या गांव में हो, ताकि उन्हें सीधे मुख्यमंत्री से बात करने का अवसर मिल सके।

अब तक 10 जिलों में हो चुके हैं जन संवाद कार्यक्रम – मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने 90 दिनों की जन संवाद कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है, जिसमें से लगभग 25 दिनों के कार्यक्रम पूरे हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अब तक भिवानी, पलवल, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार और पंचकूला में जनसंवाद कार्यक्रम कर आधे हरियाणा को कवर कर चुके हैं। जहां जन संवाद कार्यक्रम होता है, उसमें स्थानीय लोग तो होते ही हैं बल्कि आस-पास के गांवों व शहरों के लोग भी अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष रखने के लिए पहुंचते हैं।

जन संवाद के 3 पहलू – मुख्यमंत्री सबसे पहले लोगों को जन संवाद की भूमिका व उद्देश्य के बारे बताते हैं कि यह कार्यक्रम धरातल पर सरकारी की योजनाओं के क्रियान्वयन और लोगों से सीधे फीडबैक लेने के लिए शुरू किया गया है। श्री मनोहर लाल कहते हैं कि यह कार्यक्रम ऐसा नहीं है कि केवल मंच पर बैठे व्यक्ति अपनी बात कहकर चले जाएं, ये वास्तव में संवाद कार्यक्रम हैं, जहां आप लोग अपनी बात कहेंगे और मैं भी। दूसरे चरण में मुख्यमंत्री लोगों से पूछते हैं कि पिछले 9 वर्षों में सरकार द्वारा किए गए अनेकों कार्यों में से कोई एक कार्य बताएं जो आप को सबसे ज्यादा पसंद हो। तीसरे व अंतिम चरण चुने हुए जन प्रतिनिधि सरपंच व पार्षदों से भी उनके गांवों व वार्ड के विकास के भविष्य की योजना के बारे में पूछते हैं। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व उनकी टीम लोगों द्वारा लिखित प्रतिवेदनों को भी प्राप्त करती है और मुख्यमंत्री कहते हैं कि प्रतिवेदनों के एक-एक वाक्य को पढ़ा जाएगा और आपको सूचित किया जाएगा कि किस स्तर पर शिकायत व मांग की कार्रवाई चल रही है।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments