नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लक्ष्मणगढ़ में मोदी विज्ञान एवं तकनीकी विश्वविद्यालय की छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि बेवजह संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति को राजनीति में घसीटा जाना ठीक नहीं है। राजस्थान में उनकी यात्राओं पर उठे सवालों पर पीड़ा व्यक्त करते हुए उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया की उनकी यात्रा या तो विधानसभा के अध्यक्ष के निमंत्रण पर हुई या फिर केंद्र सरकार के कार्यक्रमों में हुई। उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति की कोई भी यात्रा अचानक नहीं होती, बहुत सोच विचार, चिंतन और मंथन के बाद होती है। उन्होंने उच्च और ज़िम्मेदार पदों पर आसीन लोगों से संवैधानिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखने का आग्रह किया और कहा राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी इस देश के सेवक हैं।
उन्होंने कहा कि अब लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में एक तिहाई सदस्य महिलाएं होंगी जो देश को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगी। उन्होंने अधिनियम की प्रशंसा करते हुए कहा कि जब सत्ता की बागडोर महिलाओं के हाथ में होती है तब देश की तरक्की बहुत तेजी से होती है। उपराष्ट्रपति ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को प्रस्तुत किए जाने वाले दिन की याद दिलाते हुए छात्राओं से कहा कि यह विधेयक गणेश चतुर्थी के दिन प्रस्तुत किया गया था इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह आपके लिए और देश के लिए कितना शुभ है, यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है और यह भविष्य में हमारे समाज में बहुत परिवर्तनकारी सिद्ध होगी।