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बोरवेल में गिरी मासूम को 17 घंटे बाद सकुशल बाहर निकाला, माता-पिता के छलके आंसू

दौसा। बांदीकुई के जोधपुरिया में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई वहां बुधवार शाम को खेलते-खेलते बालिका नीरू बोरवेल में गिर गई उसके बाद पूरे गांव में भय और चिंता का माहौल पैदा हो गया, लोग उसे बचाने की कोशिश करते रहे। उसके बाद सूचना मिलते ही एनडीआरएफ और एसडीआरएफ टीम मौके पर पहुंची और बच्ची को बचाने का अभियान शुरु कर दिया।रात भर चले इस ऑपरेशन में गुरुवार सुबह अच्छी खबर आई तो लोगों ने राहत की सांस ली गई, जब 17 घंटे के एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने अथक प्रयास और संघर्ष के बाद डेढ़ साल की नन्ही बच्ची नीरु को सकुशल बाहर निकाल लिया गया।

उसको बाहर आते देख उसके माता-पिता और पूरा गांव खुशी से झूम उठा और बचाव टीम की तारीफ करता नजर आया।बता दें घटना बुधवार को शाम 4 बजे की है, जब खेलते समय नीरू बोरवेल के गड्ढे में गिर गई। यह गड्ढा एक फुट चौड़ा था। नीरू करीब 26 फुट नीचे जाकर फंस गई। जैसे ही यह खबर गांव में फैली तुरंत ही प्रशासन हरकत में आ गया। अजमेर से एनडीआरएफ की टीम और दौसा से एसडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। चार जेसीबी मशीनों और एलएंडटी मशीन की मदद से बोरवेल के पास एक समानांतर गड्ढा खोदने का काम शुरु किया गया।

इस दौरान, नीरु को निकालने के लिए देसी जुगाड़ों का भी सहारा लिया गया, लेकिन रात भर चली मशक्कत के बाद गुरुवार सुबह एनडीआरएफ की टीम ने सुरंग खोदकर बालिका को सकुशल बाहर निकाला। नीरू के बाहर आते ही उसके परिजनों की आंखों में खुशी के आंसू बह निकले। मौके पर मौजूद लोगों ने इस साहसिक रेस्क्यू ऑपरेशन की सराहना की। जिले के कलेक्टर, एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी पूरी रात मौके पर तैनात रहे। यह घटना एक बार फिर से ग्रामीण इलाकों में बोरवेल की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर रही है, लेकिन नन्ही नीरू की सुरक्षित वापसी से पूरा गांव राहत महसूस कर रहा है।

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