नई दिल्ली । रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में शनिवार को भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव के पहले संस्करण के उद्घाटन के अवसर पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में देश की सुरक्षा में सशस्त्र बलों की बेजोड़ बहादुरी और अमूल्य भूमिका को प्रदर्शित करने वाला भारतीय सैन्य विरासत महोत्सव राष्ट्र के युवाओं को प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि यह उन्हें भारतीय सेना और उनके वीरतापूर्ण कार्यों के बारे में अधिक जानने के लिए उत्साहित करेगा।
इस दो दिवसीय महोत्सव का उद्देश्य बातचीत, कला, नृत्य, नाटक, कथावाचन और प्रदर्शनियों के माध्यम से सदियों से विकसित भारत की समृद्ध सैन्य संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है। यह महोत्सव पैनल चर्चा के माध्यम से प्रख्यात विद्वानों, पेशेवरों और सेवारत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों के विभिन्न दृष्टिकोण सामने लाएगा।कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री ने समकालीन सैन्य क्षेत्र में देश के प्राचीन सामरिक कौशल को अपनाए जाने की बात रखी।
इस एकीकरण के माध्यम से स्वदेशी डिस्कोर्स को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना और यूनाइटेड सर्विस इंस्टीट्यूशन ऑफ इंडिया के संयुक्त सहयोग से प्रोजेक्ट उद्भव का भी शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, चीफ ऑफ इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ टू द चेयरमैन, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू और नौसेना के उप-प्रमुख वाइस एडमिरल संजय जसजीत सिंह भी उपस्थित थे।