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भारत ने केन्या को कृषि क्षेत्रा में ऋण सुविधा देने का फैसला किया

नई दिल्ली । केन्या के राष्ट्रपति विलियम सामोई रुतो भारत के दौरे पर हैं। पीएम नरेंद्र मोदी और केन्या के राष्ट्रपति रुतो की मौजूदगी में भारत और केन्या के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने अपनी विदेश नीति में अफ्रीकी देशों को हमेशा उच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि केन्या के राष्ट्रपति की भारत यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे बल्कि अफ्रीका के साथ हमारे जुड़ाव को नई गति मिलेगी। पीएम मोदी ने कहा कि हमने केन्या के कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए 25 करोड़ अमेरिकी डॉलर की ऋण सुविधा प्रदान करने का निर्णय लिया है।

मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत में भारत और केन्या के बीच निकट सहयोग साझा प्रयासों को आगे बढ़ाएगा। पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति रुतो और उनके प्रतिनिधिमंडल का भारत में स्वागत करते हुए मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। भारत की विदेशी नीति में अफ्रीका को हमेशा उच्च प्राथमिकता का स्थान दिया गया है। पीएम ने कहा कि मुझे खुशी है कि केन्या ने वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन से जुडऩे का निर्णय लिया है साथ ही केन्या द्वारा लिए गए इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस से जुडऩे के निर्णय से हम बिग कैट के संरक्षण के लिए वैश्विक प्रयासों को सशक्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और केन्या एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता के लिए सबसे गंभीर चुनौती है। इस संबंध में हमने काउंटर-टेररिज्म के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि केन्या को अपना दूसरा घर मानने वाले करीब 80 हजार भारतीय मूल के लोग हमारे संबंधों की सबसे बड़ी ताकत हैं। वहीं केन्या के राष्ट्रपति रुतो ने कहा कि मुझे आमंत्रित करने के लिए मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं। हमारा शानदार स्वागत हुआ। हमने पारस्परिक महत्व और महत्त्व की व्यापक बातचीत की है। मैंने जी 20 की सफलतापूर्वक मेजबानी करने और अफ्रीकी लोगों के हितों का समर्थन करने के लिए पीएम मोदी को बधाई दी…अफ्रीका संघ अब जी 20 का सदस्य है। उन्होंने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी को ग्लोबल साउथ में उनके नेतृत्व के लिए और हमें ग्लोबल साउथ में बुलाने के लिए भी बधाई दी है.. कई केन्याई लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भारत आते हैं जिससे भारतीय स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए नौकरशाही प्रक्रिया कम हो जाएगी।

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