नई दिल्ली । भारत ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर रोक लगा दी है। घरेलू मांग को पूरा करने और चावल की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने यह कदम उठाया है। भारत के निर्यात रोक देने से दुनिया भर में चावल की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की सप्लाई काफी कम हो जाएगी। ऐसे में दुनिया के कई देशों के सामने गंभीर खाद्य संकट पैदा हो जाएगा। भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक है। कुल वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी 40 फीसदी है।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भारत के चावल निर्यात रोक देने से चावल की वैश्विक सप्लाई पर क्या असर होगा? जानकारों का कहना है कि भारत से चावल निर्यात न आने पर जल्द ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के दाम प्रति मीट्रिक टन 50 डॉलर बढ़ सकते हैं। आने वाले दिनों में दाम 100 डॉलर तक बढ़ सकते हैं। एक अंग्रेजी अखबार की एक रिपोर्ट के अनुसार सिंगापुर और बैंकॉक के राइस ट्रेडर्स का कहना है कि भारत के चावल निर्यात पर रोक लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भाव में उछाल आना तय है।
हालांकि, एशियन बाजार में शुक्रवार को भाव स्थिर रहे लेकिन जल्द ही भाव ऊपर की ओर जाएंगे, क्योंकि सप्लाई कमजोर होगी। चावल के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक थाइलैंड के निर्यातकों ने भी नए निर्यात सौदे नहीं किए थे। थाई एक्सपोर्ट्स एसोसिएशन का कहना है कि अभी निर्यातक भाव बढ़ने का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि भाव 700-800 डॉलर प्रति मीट्रिक टन जा सकता है।