वडोदरा : गुरुवार की शाम समूचे गुजरात को झकझोर देने वाली बड़ी घटना घटी। वडोदरा के हरणी तालाब घूमने आए 1 से 5 कक्षा के विद्यार्थियों के लिए अंतिम शाम बन गई। इस हादसे में अब तक 12 विद्यार्थी और 2 शिक्षक समेत 14 लोगों की मौत होने की खबर है। रेस्क्यू टीम तालाब में लापता अन्य लोगों की तलाश कर रही हैं। जिसमें फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ की टीमें शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक वडोदरा के वाघोडिया क्षेत्र की सनराइज स्कूल के 4 शिक्षक विद्यार्थियों को लेकर हरणी तालाब की सैर करने आए थे । जहां जल विहार का आनंद ले रहे विद्यार्थी, शिक्षक और बोट राइडर से भरी बोट अचानक तालाब में पलटी खा गई। बोट के पलटते ही बच्चों की चीख-पुकार से वातावरण गूंज उठा। बताया जाता है कि बोट में 23 विद्यार्थी, 4 शिक्षक और 4 बोटवाले समेत कुल 31 लोग सवार थे। जबकि बोट की क्षमता 16 लोगों की है। विद्यार्थी के साथ आए 2 शिक्षकों ने बोट वाले से क्षमता से अधिक लोगों को नहीं बिठाने का काफी आग्रह किया। लेकिन बोट वाले ने शिक्षक की एक बात नहीं मानी।
इतना ही किसी विद्यार्थी या शिक्षक को लाइफ जैकेट पहनाए बगैर ही बोट में बिठा लिया। सारे नियमों को ताक पर बोट राइडर ने क्षमता से दुगुने लोगों को बोट में बिठाया। बोट वाले की मनमानी के कारण मासूम बच्चों की जान चली गई। इस घटना में 1 से 5वीं कक्षा तक के 12 विद्यार्थी और 2 शिक्षकों की तालाब के पानी में डूबने से मौत हो गई। अब भी कई विद्यार्थियों की तालाब में तलाश की जा रही है। अपनी मासूम संतान गंवाने वाले परिजनों आक्रंद पत्थर दिल इंसान को भी रुला देगा।
घटना को लेकर वडोदरा में विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विपक्ष के मुताबिक पहले भी सूरसागर तालाब में ऐसी ही घटना हुई थी। अगर उस घटना से सबक लिया होता तो आज यह हादसा नहीं होता। विद्यार्थियों को बगैर लाइफ जैकेट पहनाए बोट में बिठाया गया था। इतना ही नहीं 16 लोगों की क्षमता वाली बोट में 31 लोग सवार थे। यह गंभीर दुर्घटना नहीं बल्कि एक गंभीर लापरवाही है और इसके लिए मानववध का केस दर्ज करना चाहिए। इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार सभी लोगों के खिलाफ सापराध मानववध केस दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए।