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 केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पूरी,हाईकोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला…

नई दिल्ली । मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ज्यूडिशियल कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। उधर, जांच एजेंसी ईडी ने बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि वह दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी की कुछ संपत्तियों को जब्त करना चाहती है लेकिन दुविधा में हैं। ईडी की ओर से मामले में पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि ईडी की ओर से केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज किया जाना चाहिए। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को बताया है कि हम आम आदमी पार्टी की कुछ संपत्तियों को जब्त करने जा रहे हैं। अगर हम ऐसा करेंगे तो वे कहेंगे कि चुनाव के समय ये सब किया। अगर नहीं करेंगे तो कहेंगे कि कहां हैं सबूत। उन्होंने कोर्ट को बताया कि फिलहाल हम जांच कर रहे हैं। ईडी ने कहा कि शराब घोटाले में केजरीवाल की भूमिका की जांच अभी खत्म नहीं हुई है। इस याचिका पर बहस की गई कि ये गिरफ्तारी को रद्द करने की नहीं बल्कि जमानत याचिका है।

ईडी के मुताबिक अरविंद केजरीवाल ने इन पैसों का इस्तेमाल आम आदमी पार्टी के लिए गोवा चुनाव अभियान में किया। साथ ही जांच एजेंसी ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि अरविंद केजरीवाल सीधे तौर पर उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण में शामिल थे। वहीं ईडी ने अपनी ओर से दाखिल जवाब में यह भी कहा है कि साउथ ग्रुप को दिए जाने वाले लाभों को ध्यान में रखते हुए इस शराब नीति का मसौदा तैयार किया था और इसका गठन विजय नायर, मनीष सिसोदिया और साउथ ग्रुप के सदस्य प्रतिनिधियों की मिलीभगत से किया गया था। अरविंद केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में लाभ देने के बदले में साउथ ग्रुप से रिश्वत की मांग की थी।

ईडी की ओर से कहा गया है कि विजय नायर अरविंद केजरीवाल के बहुत करीबी सहयोगी हैं। विजय नायर की दिल्ली उत्पाद शुल्क विभाग या दिल्ली सरकार में कोई भूमिका नहीं थी। वे तो रिश्वत लेने के लिए आप के शीर्ष नेताओं (विशेष रूप से अरविंद केजरीवाल) की ओर से दलाली का काम करते थे। आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक को एक अदालत ने सोमवार को 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। केजरीवाल को उनकी ईडी की हिरासत अवधि पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान ईडी ने अदालत से केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछताछ के दौरान ‘बिल्कुल सहयोग’ नहीं किया।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ज्यूडिशियल कस्टडी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। केजरीवाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और खुद की रिहाई की मांग की है। बुधवार को जब सुनवाई शुरू हुई तो पहले केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपना पक्ष रखा और फिर, लंच के बाद ईडी की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट में दलीलें दी। दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की बेंच सुनवाई कर रही है। केजरीवाल के वकील ने हाईकोर्ट में कहा कि आम चुनाव आ गए हैं। इसलिए ऐसे समय में केजरीवाल की गिरफ्तारी की गई है, ताकि वो चुनावी अभियान का हिस्सा न बन सकें। न प्रचार कर सकें। उन्होंने कहा, कोर्ट को यह देखना होगा कि चुनाव में सभी पार्टियों को बराबर का मौका मिले। नवंबर में पहला समन दिया गया और मार्च में गिरफ्तार कर लिया गया। पीएमएलए के तहत गिफ्तारी के लायक ईडी के पास कोई सबूत नहीं है।

संजय सिंह तिहाड़ से बाहर आए -आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह 6 महीने बाद बधवार को तिहाड़ जेल से जमानत पर रिहा हुए। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को उन्हें दिल्ली शराब नीति केस में जमानत दी थी। लीगल प्रोसेस की वजह से रिहाई नहीं हो पाई। संजय सिंह की पत्नी अनीता सिंह जमानत की प्रक्रिया पूरा करने के लिए बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट पहुंची। कोर्ट ने 2 लाख रुपए के जमानती बॉन्ड और इतने ही अमाउंट की सिक्योरिटी पर जमानत दे दी। संजय सिंह की पत्नी ने 2 लाख का बॉन्ड भरा। कोर्ट ने संजय सिंह की जमानत के लिए तीन शर्तें रखीं। पहला- वे जेल से बाहर जाकर आबकारी नीति केस से जुड़ी कोई बयानबाजी नहीं करेंगे। दूसरा- अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। दिल्ली से बाहर जाने पर जांच एजेंसी को बताएंगे और अपनी लाइव लोकेशन शेयर करेंगे।

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