चण्डीगढ़ – हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने प्रदेश में खेती की नवीनतम तकनीकी जानकारी किसानों को उपलब्ध करवाने को लेकर अधिकारियों के साथ जापान के कोच्चि में अदरक बाजार, कोच्चि की सुपर रीजनल यूनिवर्सिटी अकुरा-होम माची कोच्चि, कृषि उपकरण बनाने वाली टाईयो कार्पोरेशन लि. कंपनी, किसान बाजार टोसानामाटो का दौरा किया। उन्होंने यहां के प्रेजीडेंट टोमोमी हिसामात्सू से मुलाकात की और नए-नए कृषि उपकरणों की जानकारी ली।
उन्होंने आधुनिक मशीनों के आदान-प्रदान करने के समझौते पर हस्ताक्षर भी किए।
दलाल इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि कोच्चि प्रांत का कामी शहर अदरक का प्रमुख उत्पादक शहर है। यहां पर लगभग 6000 टन अदरक एक वर्ष से अधिक समय तक कम तापमान पर स्टोर किया जा सकता है।कृषि मंत्री ने कंपनी के श्री सोया तनाका से मुलाकात की और उन्होंने कहा कि यह तकनीक भारत में बहुत उपयोगी साबित होगी। कृषि मंत्री ने प्रतिनिधिमंडल के साथ कोच्चि विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लिया, जिसमें 1500 से अधिक किसान शामिल हुए। इस कार्यक्रम क मुख्य उद्देश्य हरित परिवर्तन व ग्लोबल वार्मिंग को कम करना, उन्नत बीज के विकास पर रिसर्च करना रहा ताकि किसानों की पैदावार बढ़े। कृषि मंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद वहां की कंपनी के प्रतिनिधियों व किसानों को हरियाणा के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय करनाल तथा बागवानी संस्थाओं से समन्वय स्थापित करने को कहा।
कृषि मंत्री ने ताइयो कॉरपोरेशन लिमिटेड का दौरा किया, जहां पर राष्ट्रपति श्री टोमी हिसामात्सू से मुलाकात की। इस दौरान आधुनिक मशीनों के आदान-प्रदान करने पर भी एक समझौता हुआ।जापान के कृषि विशेषज्ञों से बातचीत करते हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि भारत देश कृषि उत्पादन क्षेत्र में दुनिया की एक महाशक्ति है, लेकिन अब प्रोसेसिंग की नई तकनीक अपनाकर किसानों की आय बढ़ानी है। परम्परागत खेती को छोडकऱ आधुनिक विकसित खेती अपनाई जाएगी, जिससे किसान खुशहाल होंगे।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में खेती की नवीनत्तम तकनीक ईजाद करने को लेकर प्रदेश के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के नेतृत्व में सात दिवसीय दौरे पर जापान गए हुए हैं। डेलीगेशन में कृषि मंत्री के साथ कृषि एवं पशुपालन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के उप-प्रधान सचिव के.एम. पांडुरंग, बागवानी विभाग के महानिदेशक डॉ. अर्जुन सिंह सैनी और प्रतिनिधिमंडल के अन्य अधिकारियों ने भी जापान की फसलों और तकनीकी की विस्तार से जानकारी ली।