चंडीगढ़– हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विगत 9 वर्षों में शिक्षा क्षेत्र में सुधार के लिए अभूतपूर्व निर्णय लेकर प्रदेश में शिक्षा का जो वातावरण बनाया है, उससे आज सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता देखने को मिल रही है। परिणामस्वरूप आज सरकारी स्कूलों के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाएं पास करके अपने परिवार व प्रदेश का नाम रौशन कर रहे हैं। शिक्षा को जीवन का आधार मानते हुए मुख्यमंत्री ने लड़कियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती के लड़कियों की स्वतंत्रता व शिक्षा के आदर्शों की पालना करते हुए नीतिगत निर्णय लेकर कम से कम दूरी पर स्कूल व कॉलेज स्थापित करने की पहल की। आज हरियाणा के हर 3 किलोमीटर पर एक स्कूल व हर 20 किलोमीटर के दायरे में एक कॉलेज अवश्य मौजूद है। इससे न केवल स्कूलों में लड़कियों का ड्रॉप आउट कम हुआ तो वहीं लड़कियों के उच्च शिक्षा के सपनों को भी एक नई उड़ान मिली।
ई-अधिगम योजना से मुख्यमंत्री लाए आईटी-क्रांति – 21वीं सदी के युग में जब हर क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी ने अपनी पैठ बना ली है, तो शिक्षा क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है। इस चुनौती को समझते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने प्रदेश के गरीब व जरूरतमंद परिवारों के बच्चों को भी स्मार्ट शिक्षा मुहैया करवाने के लिए भी कई पहल की हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 में निहित स्मार्ट क्लासरूम की अवधारणा को मुख्यमंत्री ने पहले से ही हरियाणा में लागू कर दिया था। इसी कड़ी में ई-अधिगम नामक नई योजना लाकर मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में आईटी-क्रांति लाने का काम किया। इस योजना के तहत सरकारी स्कूलों के 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों व पीजीटी अध्यापकों को 2जीबी इंटरनेट डाटा के साथ 5.50 लाख टैबलेट मुफ्त उपलब्ध करवाए।
वर्ष 2025 तक नई शिक्षा नीति को लागू करने वाला हरियाणा होगा देश का पहला राज्य – मुख्यमंत्री मनोहर लाल कहते हैं कि आज के समय में नैतिक शिक्षा को भी दैनिक शिक्षा के साथ जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि बच्चे बचपन से ही संस्कारवान बनें। इसी उद्देश्य के लिए मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 को प्रदेश में वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। नई शिक्षा नीति में 3 साल से कम आयु वाले बच्चों को भी व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए प्ले-वे स्कूल की अवधारणा को भी निहित किया गया है। इस दिशा में हरियाणा सरकार पहले ही बहुत आगे बढ़ चुकी है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में 4000 प्ले-वे स्कूल खोले हैं तथा 4 हजार और प्ले-वे स्कूल खोलने का लक्ष्य रखा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत 1074 विद्यालयों में 6वीं से 8वीं कक्षा तक पूर्व व्यावसायिक शिक्षा शुरू की गई। इसके अलावा, 124 पी.एम. श्री विद्यालय इस वर्ष आरंभ किए जा रहे हैं।