चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि गुरूग्राम वाटर सप्लाई एक महत्वपूर्ण परियोजना है जिससे गुरूग्राम व मानेसर की 2050 तक की आबादी को निर्बाध रूप से बेहतर पेयजल सप्लाई उपलब्ध होगी। मेवात फीडर पाईप लाईन परियोजना भी तैयार की गई है। इन परियोजनाओं पर 2267 करोड़ रुपए की लागत आएगी। मुख्यमंत्री आज रिमोडलिंग ऑफ गुरुग्राम वाटर सप्लाई के डिजाईन की अनुमति को लेकर सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में मेवात फीडर पाइपलाइन परियोजना के कन्सेप्ट को लेकर प्रेजेंटेशन प्रस्तुत कर विस्तार से चर्चा की गई। इस दौरान जीएमडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी सी मीणा ऑनलाईन जुडे़।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 1517 करोड़ रुपए की गुरूग्राम वाटर सप्लाई परियोजना गुरूग्राम, मानेसर व बहादुरगढ की वर्ष 2050 की आबादी को फोकस रखकर तैयार की गई है। उस समय इन शहरों को लगभग 1504 क्यूसिक पानी की आवश्यकता होगी। गुरूग्राम वाटर सप्लाई परियोजना काकरोई से आरम्भ होगी और बसई में सम्पन्न होगी। लगभग 69 किलोमीटर लम्बी वाटर सप्लाई को पूर्ण रूप से कवर करके ले जाया जाएगा जिसमें माईल्ड स्टील पाईप का उपयोग किया जाएगा। इस परियोजना को मई 2026 में पूरा कर लिया जाएगा।
मेवात फीडर पाइपलाइन परियोजना – मुख्यमंत्री ने कहा कि मेवात फीडर पाईप लाईन परियोजना पर लगभग 750 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इस परियोजना को भी मेवात की आबादी वर्ष 2050 को मध्येनजर रखकर बनाया गया है। इसके माध्यम से लगभग 390 क्यूसिक पानी की आवश्यकता होगी और 150 से अधिक गांवों को पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल सुलभ होगा। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर भी जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा और मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेवात फीडर पाईप लाईन परियोजना तैयार कर विभाग द्वारा फरवरी 2023 में स्वीकृत किया गया। लगभग 50 किलोमीटर लम्बाई की यह परियोजना झज्जर जिला के बादली से आरम्भ होगी और मेवात के गांव खोर बसई में सम्पन्न होगी। उन्होंने बताया कि इस परियोजना पर पावर हाउस का भी निर्माण किया जाएगा।
गुरूग्राम व मेवात के लिए स्वर्णिम युग – मुख्यमंत्री ने कहा कि इन परियोजनाओं के शुरू होने से गुरुग्राम, मानेसर व मेवात के लोगों के लिए स्वर्णिम युग की शुरुआत होगी। इन परियोजनाओं के बन जाने से इस क्षेत्र के लोगों को निर्बाध पेयजल सप्लाई सुलभ हो जायेगी। उन्होंने कहा कि पानी के शोधन के लिए भी योजनाएं तैयार की गई हैं ताकि शोधित पानी का उपयोग उद्योगों एवं किसानों को भी सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि मेवात के कुछ क्षेत्र में भूमिगत जल खारा होने के कारण लोगों को नहर आधारित स्वच्छ जल मुहैया करवाने के लिए यह योजना तैयार की गई है।
बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डी एस ढेसी, मुख्यमंत्री सलाहाकार सिंचाई देवेन्द्र सिंह, जल संसाधन प्राधिकरण की अध्यक्षा केशनी आनन्द अरोड़ा, सचिव एवं आयुक्त सिंचाई विभाग पंकज अग्रवाल, इंजीनियर इन चीफ वीरेन्द्र सिंह सहित सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।