HomeHaryana Newsराज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने "अनंत मुस्कान" कार्यक्रम किया लॉन्च

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने “अनंत मुस्कान” कार्यक्रम किया लॉन्च

चंडीगढ़ – हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने “अनंत मुस्कान” का उद्घाटन पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में किया। “अनंत मुस्कान”भारत में प्राथमिक विद्यालय-आधारित टूथ ब्रशिंग और मौखिक स्वास्थ्य शिक्षा पर एक बहु-आयामी कार्यान्वयन अनुसंधान” है।इस अवसर मुख्य अतिथि, हरियाणा के माननीय राज्यपाल, बंडारू दत्तात्रेय ने प्राथमिक विद्यालय-आधारित टूथ ब्रशिंग और मौखिक स्वास्थ्य एंव शिक्षा के लिए केंद्र के प्रयासों के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की और ऐसी पहलों का समर्थन करने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता दोहराई।

उन्होंने मानव कल्याण में मौखिक स्वास्थ्य के महत्व को रेखांकित किया और छोटे बच्चों को उनके प्रारंभिक वर्षों के दौरान शिक्षित करने के अभिनव दृष्टिकोण के लिए कार्यक्रम की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि पंचकुला भारत में इस प्रभावशाली पहल को शुरू करने वाला पहला जिला है, यह गर्व की बात है। जहां हम 447 प्राथमिक विद्यालयों (सरकारी और निजी) में लगभग 70,000 स्कूली बच्चों को टूथ ब्रशिंग और मौखिक स्वास्थ्य के लेकर भी शिक्षित करेंगे। टूथ ब्रशिंग सत्र दैनिक आधार पर निर्धारित समय और निर्धारित अवधि के लिए आयोजित किए जाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि मौखिक रोग दुनिया भर में सबसे आम गैर-संचारी रोगों में से हैं, जो अनुमानित 3.5 अरब लोगों को प्रभावित करते हैं। लाजमी है कि ऐसे लोगों में भारत और हरियाणा के भी बहुत सारे लोग मौखिक रोगों से प्रभावित होगें। मुझे यह जानकर खुशी है कि ओरल हेल्थ साइंसेज सेंटर हरियाणा में मौखिक स्वास्थ्य को लेकर सराहनीय कार्य कर रहा है। बुजुर्गों और बच्चों के बीच मौखिक स्वास्थ्य में सुधार के उनके प्रयास बेहतरीन हैं। वर्ष 1985 से यह केंद्र सरकारी स्कूल के बच्चों को आवश्यक दंत चिकित्सा सेवाएं और शिक्षा प्रदान करवा रहा है। ओरल हेल्थ साइंसेज सेंटर की पहल, विशेष रूप से बच्चों के लिए निर्देशित, समुदाय की जरूरतों की गहरी समझ को दर्शाती है।

हरियाणा में ओरल हेल्थ को लेकर न केवल स्कूलों बल्कि ग्रामीण लोगों के बीच भी जागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। “अनंत मुस्कान” कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्यों में प्रशिक्षित स्कूल शिक्षकों के माध्यम से स्कूलों में दैनिक दांत ब्रश करने की दिनचर्या को लागू करना, व्यापक मौखिक स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना, नियमित मौखिक स्वास्थ्य जांच करना और शिक्षकों और अभिभावकों के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना शामिल है

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