नई दिल्ली । पंजाब और हरियाणा के बीच स्थित शंभू बॉर्डर पर किसान रातभर डटे रहे। सुबह होते ही उन्होंने एक बार फिर अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हो पाए। जबकि इस दौरान सुरक्षाकर्मी ड्रोन से आंसू गैस के गोले दागते रहे। हालांकि किसानों ने इस ड्रॉन को पतंग में फंसाकर नीचे गिरा दिया।इसी जद्दोजहद के बीच सरकार ने समाधान के लिए किसानों को बात करने के लिए आमंत्रित किया है।सरकार के इस प्रस्ताव पर किसान नेताओं का कहना है कि बिना कोई ठोस पहल के वार्ता के नतीजे नहीं निकलेंगे।
हालांकि किसान नेताओं ने केंद्र सरकार से बातचीत के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। आज गुरुवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में तीसरे राउंड की बातचीत होगी।इस बातचीत के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय शामिल होंगे। इससे पहले मंगलवार को दिल्ली में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर कृषि मंत्री मुंडा समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों ने बैठक की और किसानों से सुलह के फॉर्मूले पर चर्चा की। यह भी समझा गया कि कैसे बातचीत का क्रम आगे बढ़ाया जाए? उसके बाद यह तय हुआ कि किसानों से तीसरे राउंड की बातचीत की जाएगी। किसानों को मनाने की कोशिश की जाएगी। सरकार ने किसानों की 10 मांगें मान ली हैं। तीन मांगों पर बात अटकी है।
सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि बातचीत के जरिए ही मसले का हल निकालेंगे। सरकार का ये भी कहना है कि 13 में से 10 मांगें स्वीकार कर ली गई हैं। तीन मांगों को मानने के लिए कुछ समय चाहिए। इन तीनों को लेकर ही पेंच फंसा है और सरकार के लिए दुविधा है। चूंकि सभी राज्यों से बात करनी होती है। सरकार जरूर चाहती है कि इन मांगों पर आगे बढ़ा जाए, लेकिन समय की सीमा है, किस तरह से मांगों को पूरा किया जाए, इसके लिए सरकार को समझने के लिए वक्त की जरूरत है। इन मसले की बागडोर राजनाथ सिंह ने भी अपने हाथ में ली है। सिंह बीजेपी के बड़े चेहरे हैं और गृह से लेकर कृषि मंत्री तक रह चुके हैं। उन्होंने भी बुधवार को अर्जुन मुंडा के साथ कुछ सुझाव शेयर किए हैं। तीसरे राउंड की बैठक में इन सुझाव पर भी बात हो सकती है।