मुंबई। बुधवार 6 दिसंबर को भारत रत्न डॉ.बाबा साहेब अंबेडकर का 67वां महापरिनिर्वाण दिवस है । इस अवसर पर राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री अजीत पवार आदि नेताओं ने मुंबई के दादर में शिवाजी पार्क स्थित चैत्यभूमि पर बाबा साहब की प्रतिमा पर पुष्प-हार चढ़ाया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने संबोधन में कहा कि ऐसा स्मारक बनाओ जिससे दुनिया को ईर्ष्या हो। भारत में समानता, भाईचारा एकता के सिद्धांत को बाबा साहेब के कारण ही बल मिला।
मुद्रा पर बाबा साहेब के लेख को 100 साल पूरे हो रहे हैं. भारत के लिए आदर्श मुद्रा प्रणाली क्या है, इसके बारे में बाबा साहब ने अनुमान लगाया था। सुप्रीम कोर्ट के परिसर में बाबा साहब का स्मारक बनाया गया। शिंदे ने कहा, यह एक ऐतिहासिक घटना है। मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ की भी इच्छा थी कि सभी सामाजिक समूहों को उनका उचित स्थान मिले। सरकार भी यही कोशिश कर रही है। इस विचार को जीवित रखना और इसे भावी पीढ़ियों तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। बाबा साहब के विचारों का आधार नैतिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार बाबा साहब के विचारों पर काम कर रही है। हम सभी को विकास के रास्ते पर ले जाने के लिए काम कर रहे हैं। हम बाबा साहेब के विचारों का प्रसार करेंगे।