बारपेटा। असम में बाढ़ से लोगों का हाल बेहाल है। बाढ़ ने अब तक 52 लोगों की जान ले ली है और कई बेघर हो गए हैं। कई लोगों के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं सड़कें बंद हैं। फसलें नष्ट हो गई हैं और कई मवेशी भी बाढ़ में बह गए हैं तो कई मारे गए हैं। असम के रहने वाले जुब्बर अली ने दो बेटियों, पत्नी और बीमार मां के साथ बारपेटा जिले में तटबंध पर शरण ली है, बाढ़ में उनका घर पूरी तरह तबाह हो गया है। ब्रह्मपुत्र नदी में जुब्बर का पक्का घर बह जाने के बाद बाढ़ के पानी ने उन्हें बेघर होने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने दूसरे के घर में शरण ली है, लेकिन बाढ़ के पानी ने उस घर को अपनी चपेट में ले लिया है। अब वे बारपेटा जिले के चेंगा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत रौमारी पाथर इलाके में तटबंध पर एक तंबू में रह रहे हैं।
रौमारी पाथर इलाके में करीब 100 परिवार इस तरह की समस्या का सामना कर रहे हैं, जिन्होंने पिछले ब्रह्मपुत्र नदी के कटाव में अपने घर खो दिए हैं। जुब्बार अली ने कहा कि 1-2 महीने के अंदर ही करीब 100 परिवार कटाव के कारण अपने घर खो चुके हैं और अब वे राहत शिविरों में रह रहे हैं। बाढ़ से असम में जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है। उधर गुवाहाटी में नाले में डूबे आठ साल के मासूम की खोज जारी है। मासूम को लापता हुए तीन दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कुछ पता नहीं चला है। मासूम अभिनाश के पिता हीरालाल बेटे को खोजने में इधर अधर भटक रहे हैं। खोजबीन में उन्हें अपने बेटे की चप्पलें मिली हैं। हीरालाल ने कहा कि मैं लोहे की रॉड से खोज कर रहा हूं और अपने बेटे की चप्पलें ही ढूंढ पाया हूं। सरकार के पास मशीनें और कई साधन है, उन्हें मेरे बेटे को ढूंढना चाहिए। उन्होंने बेटे की चप्पलें पुलिस को सौंप दी हैं।