चंडीगढ़- हरियाणा सरकार ने राज्य के इतिहास में पहली बार बाढ़ घोषित की है। बुधवार शाम जारी एक पत्र के अनुसार राज्य के 12 जिलों में कुल 1354 स्थानों पर बाढ़ आई है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग है, ने बताया कि इन सभी स्थानों पर बाढ़ नियंत्रण, राहत एवं बचाव, पुनर्वास और नुकसान की भरपाई संबंधी कार्य किए जा रहे हैं।
डिप्टी सीएम ने बताया कि राज्य के 12 जिले अंबाला, पंचकुला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, सिरसा, फतेहाबाद, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, पलवल और फरीदाबाद में बाढ़ आई है। इन सभी जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की सूची जारी कर दी गई है जिसके अनुसार सबसे ज्यादा 315 जगहों पर अंबाला में, 298 जगहों पर कुरुक्षेत्र में और 221 जगहों पर यमुनानगर में बाढ़ आई है। इनके अलावा कैथल जिले में 128 जगहों पर, फतेहाबाद में 94 जगहों पर और पंचकूला में 84 जगहों पर बाढ़ ने नुकसान पहुंचाया है। करनाल जिले में 66, फरीदाबाद में 54, पलवल में 32, सोनीपत में 25, सिरसा में 23 और पानीपत में 14 स्थान बाढ़ से प्रभावित घोषित किए गए हैं।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिला स्तर से प्राप्त सूचना के आधार पर राज्य सरकार ने अहम निर्णय लेते हुए प्रदेश के इतिहास में पहली बार औपचारिक रूप से बाढ़ घोषित की है। उन्होंने कहा कि 8 से 12 जुलाई तक हुई तेज बारिश और हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब से आए बरसात के अत्यधिक पानी की वजह से प्रदेश में व्यापक स्तर पर सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग बाढ़ से टूटी सड़कों की जल्द से जल्द मरम्मत में जुट गया है और लगभग 150 जगहों पर टूटी सड़कों की मरम्मत पर 230 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे।
बाढ़ में खराब हुई अन्य विभागों की सड़कों, नहरों, ड्रेन और भवनों की मरम्मत का भी युद्ध स्तर पर किया जाएगा। इनके अलावा पूरी तरह खराब हुई फसलों के लिए 15 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा किसानों के खातों में जल्द भेजा जाएगा। साथ ही पशुपालकों के नुकसान की भरपाई होगी और जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें भी नियमानुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।