मुंबई । मुंबई-जयपुर एक्प्रेस में सोमवार तड़के दनादन गोलियां चलने से एक एएसआई समेत चार लोगों की मौत हो गई। घटना पालघर रेलवे स्टेशन के पास की बताई जा रही है, जहां चलती ट्रेन में ऑटोमेटिक हथियार से गोली चलाई गई। हालांकि ट्रेन की चेन पुलिंग कर हत्यारे ने भागने की कोशिश की लेकिन उससे पहले ही जीआरपी ने आरोपी को हथियार समेत दबोच लिया। इस घटना के दौरान बोगी के अन्य यात्रियों की जान अटक गई, उन्होंने आंतंकी हमला समझा और दस मिनिट तक तो भारी दहशत के बीच बिताए। मिली जानकारी के अनुसार रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक जवान ने सोमवार को महाराष्ट्र में पालघर रेलवे स्टेशन के समीप एक ट्रेन में सवार चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी।
जवान ने फायरिंग अपने ऑटोमेटिक हथियार से की। यह ट्रेन जयपुर से मुंबई आ रही थी। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से पालघर की दूरी करीब 100 किलोमीटर है। बताया जा रहा है कि पालघर स्टेशन पार करने के बाद मुंबई के रास्ते में चलती ट्रेन में बी-4 बी-5 बोगी में आरपीएफ कांस्टेबल ने गोली चला दी। उसने एक आरपीएफ एएसआई और तीन अन्य यात्रियों को गोली मार दी और चेन पुलिंग करके बोरिवली स्टेशन के पास ट्रेन से बाहर कूद गया। हालांकि जीआरपी ने सजगता दिखाई और तुरंत आरोपी सिपाही चेतन को भागने से पहले हथियार समेत हिरासत में लिया गया है।
इस दौरान बोगी के अन्य यात्री दहशत में आ गए थे। यात्रियों ने बताया की उन्हें कुछ समझ नहीं आया, लग रहा था कि कोई आतंकी हमला हुआ है। ट्रेन में अचानक फायरिंग होने लगी तो वहां अफरा-तफरी मच गई। यात्री बोगी को छोड़कर इधर-उधर भागने लगे। कुछ तो अपने बच्चों को छिपाकर भागे तो कोई अपना सामान लेकर भागा। एक यात्री ने बताया कि जब फायरिंग हुई तो वह सो रहे थे। अचानक तेज आवाज सुनी तो घबरा कर उठ गए। पहले उन्हें लगा कि ट्रेन में कोई हादसा हुआ है। लेकिन जैसे ही आंख खुली और देखा तो सामने खून से लथपथ लाशें पड़ी थीं। मैं डर गया और सीट में किनारे ही दुबककर बैठ गया। वहीं एसी कोच अटेंडेंट के अनुसार सुबह करीब पांच बजे गोली चलने की आवाज आई।
उसने बताया कि जब वह एसी कोच की तरफ गया तो देखा कि लाशें पड़ी हुई हैं। पुलिस कांस्टेबल के हाथ में रिवॉल्वर थी और वह डिब्बे में इधर-उधर घूम रहा था। एएसआई नीचे गिरे पड़े थे। वहीं एक अन्य यात्री ने बताया कि अचानक यात्रियों के मारे जाने से वह घबरा गए, लगा कि आतंकी हमला हो गया। हाथ में हथियार लेकर शख्स गोलियां चला रहा था, आंख खुलते ही लाशें पड़ी देखीं।सामने लाशों को देखकर वह बोगी छोड़कर दूसरे डिब्बे की तरफ भागे। कुछ यात्रियों ने बताया कि गोलियों की आवाज सुनकर वह इतना डर गए कि उन्हें कुछ समझ नहीं आया। वह ट्रेन धीमी होने पर नीचे कूद गए। बताया जा रहा है कि कई यात्रियों को चलती ट्रेन से कूदने के कारण चोटें भी आई हैं। बोगी में बैठी महिलाएं बुरी तरह से डरीं हुई थीं। उन महिलाओं ने बताया कि वह अपने बच्चों को गोद में लेकर भागी, लगा कि कहीं वह आरोपी हमारे ऊपर गोलियां चलाना न शुरू कर दे।
घटना का कारण आरपीएफ कांस्टेबल और एएसआई के बीच विवाद होना बताया जा रहा है। ट्रेन में सवार आरपीएफ कांस्टेबल और एएसआई के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। दोनों में विवाद इस कदर बढ़ गया कि आरोपी कांस्टेबल ने अपनी राइफल निकल कर फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में एएसआई समेत कुल चार लोगों की मौत हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, आरोपी आरपीएफ जवान मानसिक रूप से परेशान है।अधिकारी ने बताया कि बोरीवली रेलवे स्टेशन पर शवों को ट्रेन से बाहर निकाला गया। उन्होंने बताया कि आरपीएफ का आरोपी जवान अभी मीरा रोड रेलवे पुलिस की हिरासत में है।