बेंगलुरू । कर्नाटक विधानसभा चुनाव में चल रहा धुआंधार प्रचार सोमवार शाम 5 बजे थम गया। 10 मई को मतदान और 13 मई को मतगणना होगी। राज्य की सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए भाजपा ने सारे दांव चल दिए हैं। वहीं कांग्रेस ने उसे पटखनी देने के लिए पूरा दम लगा दिया। राज्य की तीसरी सबसे बड़ी ताकत बने जनता दल (सेक्युलर) ने भी मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
भाजपा ने कर्नाटक चुनाव जीतने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाया। जमकर चुनावी अखाड़े में पसीना बहाया। पार्टी ने अपने बड़े और राष्ट्रीय नेताओं की लंबी फौज मैदान में उतारी। भाजपा के कुल 128 राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने कर्नाटक चुनाव में प्रचार प्रसार में हिस्सा लिया। इन राष्ट्रीय नेताओं के लिए 3116 चुनावी कार्यक्रम आयोजित किए गए। पार्टी ने किसी भी तरह की कोई कसर नहीं छोड़ी। उसके नेताओं ने कर्नाटक के 311 मठ और मंदिरों का भ्रमण या दर्शन किया।
पीएम ने 6 दिन में की 19 जनसभाएं और 6 रोड शो – जानकारी के मुताबिक, बीजेपी ने चुनाव प्रचार के दौरान 9125 सभाएं कीं और कुल 1377 रोड शो किए गए। इसके अलावा 9077 स्ट्रीट कॉर्नर मीटिंग यानि नुक्कड़ बैठकें कीं गईं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 दिनों में 19 चुनावी जनसभाएं और 6 रोड शो किए, जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने 16 सभाएं और 15 रोड शो किए। बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 10 सभाएं और 16 रोड शो किए। इस चुनाव में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऊपर भी बड़ी जिम्मेगारी थी। उन्होंने 9 सभाएं और 3 रोड शो किए। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने 17 सभाए और 2 रोड शो किए। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 15 सभाए और 1 रोड शो कीं। महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 13 सभाएं कीं।