नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन लाने के लिए सबसे प्रभावी तंत्र बताया। शिक्षा संस्थानों से परिवर्तन की धुरी बनने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि यह तभी संभव होगा जब वे अन्वेषण, अनुसंधान और विकास में संलग्न होंगे और लीक से हटकर सोचेंगे। आज गुवाहाटी में कॉटन विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों से बातचीत के दौरान बोलते हुए,धनखड़ ने उल्लेख किया कि शिक्षा असमानताओं को दूर करने और असमानताओं से लड़ने का सबसे शक्तिशाली माध्यम है। उन्होंने कहा, अगर हम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने में सफल रहे तो अन्य समस्याएं भी ठीक हो जाएंगी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत बदल रहा है और भारत का उत्थान अजेय है। यह कहते हुए कि दुनिया हमारे विकास से स्तब्ध है, उन्होंने कहा, हमारा अमृतकाल हमारा गौरव काल है क्योंकि हम उस रास्ते पर हैं जो हमारी सभ्यता के अनुरूप है। हाल के दिनों में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने और जी20 की अध्यक्षता जैसी विभिन्न ऐतिहासिक उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दशक के दौरान, भारत ने पांच कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने से दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तक का सफर तय किया है। इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत की आवाज़ हर वैश्विक मंच पर सुनी जा रही है, उन्होंने कहा, जो लोग हमें सलाह देते थे, वे हमारी सलाह ले रहे हैं।