नई दिल्ली । ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे के बाद क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटाने और दुर्घटनास्थल पर पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। इस बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को ट्वीट कर जानकारी दी कि डाउन मेन लाइन आज 12:05 बजे बहाल कर दी गई है। बालासोर ट्रेन दुर्घटना स्थल पर मरम्मत का काम चल रहा है। रेल मंत्रालय के मुताबिक, 1000 से अधिक कर्मी काम में लगे हैं। उन्होंने बताया कि ट्रैक की शीघ्र बहाली के लिए 7 से अधिक पोकलेन मशीन, 2 दुर्घटना राहत ट्रेन, 3-4 रेलवे और रोड क्रेन तैनात हैं। दक्षिण पूर्व रेलवे सीपीआरओ ने बताया, कि बालासोर ट्रेन दुर्घटनास्थल पर 1000 से अधिक लोगों द्वारा ट्रैक को ठीक करने का कार्य चल रहा है।
जितनी भी बोगी पलटीं थीं उनको हटा दिया है। मालगाड़ी की 3 में से 2 बोगियों को हटा दिया गया है और तीसरे को हटाया जा रहा है। थोड़ी देर में ट्रैक को भी साफ कर दिया जाएगा। अभी ओएचई का काम किया जा रहा है और दूसरी तरफ से ट्रैक लिंकिंग का कार्य चल रहा है। इस मामले में दक्षिण पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी आदित्य कुमार ने कहा कि हम जल्द से जल्द काम खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं। यहां 4-5 डिविजन और 2-3 ज़ोन की टीम काम कर रही है। यहां रेलवे के सारे अधिकारी मौजूद हैं।
कार्य प्रगति को लेकर रेलवे अधिकारियों ने रविवार को बताया कि बुलडोजर और क्रेन की मदद से शनिवार रातभर में अधिकतर रेल पटरियों से रेलगाड़ियों के क्षतिग्रस्त डिब्बों को हटा दिया गया, ताकि पूर्वी और दक्षिणी भारत को जोड़ने वाली मुख्य ट्रंक लाइन पर रेल सेवा बहाल की जा सके। अधिकारियों ने बताया कि हादसे के दौरान टूटी इलेक्ट्रिक लाइन और पटरियों की मरम्मत का काम जारी है। दुर्घटनास्थल पर मौजूद रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमारे दल चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं। पटरियों से हटाए गए यात्री डिब्बों की गहन तलाशी ली जा रही है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि क्षतिग्रस्त डिब्बों के स्टील के पुर्जों में कोई शव फंसा न रह गया हो।
रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी करने वाले ओडिशा फायर सर्विसेज के महानिदेशक सुधांशु सारंगी ने बताया कि हमारी प्राथमिकता सभी जिंदा लोगों को बचाना और उन्हें जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट देना था। उसके बाद हमने शवों को निकालना शुरू किया। हमारी ओर से लगभग 250 अग्निशमन कर्मियों और ओडीआरएएफ के 120 सदस्यों को कार्रवाई में लगाया गया था और हमने जो कुछ भी संभव था किया। दुर्घटना के कुछ ही घंटों के भीतर, हमारे कर्मियों ने हाइड्रोलिक कटर का उपयोग कर डिब्बे काटने में कामयाबी हासिल की।