चंडीगढ़ – हरियाणा के पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने पुलिस आयुक्त तथा पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे 1 जुलाई से लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनो को लेकर आमजन में जागरूकता लाने के लिए थाना स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करवाना सुनिश्चित करें। इस दौरान वे अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें। कपूर ने यह जानकारी प्रदेश भर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में दी। उन्होंने कहा कि तीन नए आपराधिक कानूनों के बारे में आमजन में जागरूकता लाना अत्यंत आवश्यक है ताकि लोग नए कानूनों में हुए बदलावों तथा इससे होने वाले लाभ के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकें। इस दौरान वे लोगों को नए कानूनों के अनुरूप प्राप्त शिकायत के निस्तारण की निर्धारित समय सीमा के बारे में अवश्य बताएं।
एक जुलाई को होने वाले जागरूकता कार्यक्रमों के बारे में कपूर ने कहा कि पुलिस अधिकारी पुलिस थानों में होने वाले इन कार्यक्रमों में मौजिज व्यक्तियों को आमंत्रित करें ताकि उनके माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि तीन नए कानूनों के बारे में जितने अधिक लोगों तक जानकारी पहुंचेगी लोगो को इसका फायदा उतना ही ज्यादा होगा।उन्होंने बताया कि भारत सरकार के ‘आईगोट कर्मयोगी‘ पोर्टल के माध्यम से तीन नए आपराधिक कानूनों को लेकर ऑनलाइन प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। अब तक इस कड़ी में 3 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि 17 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को फिजिकली प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा, बैठक में बताया गया कि हरियाणा पुलिस द्वारा इन तीन नए कानूनों को लेकर हरियाणा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर द्वारा 3314, बीपीआरएंडडी के सेंटर डिटेक्वि आफ टेªनिंग इस्टीट्यूट द्वारा 200 से अधिक मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षित किया गया है। इस प्रकार, हरियाणा में 20 हजार से अधिक पुलिसकर्मियों को नए कानूनो के बारे में प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
कपूर ने बताया कि नए आपराधिक कानूनों के लिए बीपीआरएंड द्वारा द्विभाषीय पुस्तिका भी तैयार की गई है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे 1 जुलाई को आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में इस पुस्तिका को वितरित अवश्य करवाएं। इस पुस्तिका में नए आपराधिक कानूनो के बारे में बहुत ही सरल तरीके से परिभाषित किया गया है। उन्होंने बताया कि इन तीन नए कानूनों का उद्देश्य भारतीय कानूनी प्रणाली में सुधार करना और भारतीय सोच पर आधारित न्याय प्रणाली स्थापित करना है। उन्होंने बताया कि नए कानूनों में दंड की बजाय न्याय पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह कानून भारतीय न्याय संहिता की वास्तविक भावना को प्रकट करते है। इन्हें भारतीय संविधान की मूल भावना के साथ बनाया गया है। ये कानून व्यक्तिगत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की गारंटी देते हैं और मानव अधिकारों के मूल्यों के अनुरूप हैं। ये कानून पीड़ित केंद्रित न्याय सुनिश्चित करेंगे। बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, साइबर ओ पी सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, राज्य अपराध शाखा ममता सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था संजय कुमार, पुलिस महानिरीक्षक हरदीप दून तथा शिबास कविराज सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।