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डीजीपी ने अपराध नियंत्रण तथा जन समस्याओं के त्वरित समाधान को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ की बैठक

चंडीगढ़ : पुलिस महानिदेशक  शत्रुजीत कपूर ने पुलिस अधिकारियों से कहा कि अपराध नियंत्रण का सबसे सरल उपाय हैं कि इसके घटित होने से पहले ही रोकथाम (प्रिवेंशन) के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम किया जाए। प्रिवेंशन को लेकर हरियाणा पुलिस की तैयारी बेहतरीन होनी चाहिए। इसके लिए अधिकारी फील्ड में निकलें और अपराधियों से निपटने के लिए पुलिस कर्मचारियों की ब्रीफिंग करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पुलिस अपराधियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करें तथा आमजन के प्रति सहानुभूति तथा संवेदनशीलता का भाव रखें। पुलिस महानिदेशक वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। यह बैठक पुलिस मुख्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में अपराध नियंत्रण सहित आमजन की समस्याओं का तत्परता से समाधान करने को लेकर कई अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश भर के पुलिस आयुक्तों एवं पुलिस अधीक्षकों ने भी भाग लिया।

अपराधियों पर सख्ती हो ताकि निर्भय होकर रहे आमजन – उन्होंने कहा कि अधिकारी डाउन द लाइन यह मैसेज बहुत ही साफ ओर स्पष्ट पहुचाएं कि अपराधियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करनी है। अपराधी पकड़ा जाए तो उससे कानून सम्मत सख्ती से पेश आना है और यदि वह वारदात के बाद फरार है तो उसे जल्दी से जल्दी गिरफ्तार करना है। इसके साथ ही आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर भी नजर रखनी है कि वह कब, कहां और क्या कर रहे हैं और सुनिश्चित करें कि वे दोबारा अपराध न करें। उन्होंने कहा कि नए कानून में अपराधियों की प्रॉपर्टी को भी अटैच करने का प्रावधान है ऐसे में अधिकारी नियम अनुसार उन पर कार्रवाई करें।

क्षमता निर्माण, क्षमता पहचान, उत्कृष्ट परिणाम – इसके साथ ही  कपूर ने क्षमता निर्माण को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे अपने-अपने जिलों में अलग-अलग बैच बनाकर पुलिसकर्मियों का प्रशिक्षण करवाते रहें और यह कार्य लगातार चलते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन बैच में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पुलिसकर्मियों को सूचीबद्ध करे और उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपे। उन्होंने कहा कि हमें पुलिसकर्मियों की क्षमता को पहचानना है और उसी अनुरूप उनसे काम लेना है, इसलिए अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों को पहचाने और उनकी लिस्ट तैयार करें। कपूर ने कहा कि अधिकारी पुलिसकर्मियों की कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए तैयार किए गए आकलन पत्र के मुताबिक पुलिसकर्मियों के कार्य की समीक्षा लगातार करें। यूनिट इंचार्ज हर महीने पुलिसकर्मियों के कार्य का आकलन करें और उनका मार्गदर्शन करें। उन्होंने स्पष्ट कहा कि अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाएं और औसत कर्मियों की जवाब देही तय करें।

शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई –  कपूर ने कहा कि पुलिस अधिकारी आमजन की समस्याओं का तत्परता से समाधान करने के लिए सार्थक प्रयास करें ताकि आम आदमी निर्भर होकर अपनी शिकायत पुलिस को दे और संबंधित पुलिस अधिकारी का भी कर्तव्य है कि व्यक्ति की शिकायत पर नियमानुसार तथा तत्परता से कार्यवाही करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्राप्त शिकायत की रसीद शिकायतकर्ता को जरूर दें और उसका समयबद्ध तरीके से निपटारा करें। साथ ही की गई कार्यवाही के बारे में शिकायतकर्ता से फीडबैक अवश्य ले कि वह पुलिस की कार्यवाही से संतुष्ट है अथवा नहीं और यदि नहीं तो उससे असंतुष्टि का कारण पूछे। पुलिस मुख्यालय में आयोजित इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक राज्य अपराध शाखा ममता सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था संजय कुमार, पुलिस आयुक्त पंचकूला राकेश कुमार आर्य, एआईजी प्रोविजनिंग कमलदीप गोयल, एआईजी एडमिन हिमांशु गर्ग सहित कई अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

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