चंडीगढ़ – केंद्रीय विद्युत एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने नई दिल्ली स्थित नए महाराष्ट्र सदन में हरियाणा के पुलिस महानिदेशक श्री शत्रुजीत कपूर द्वारा लिखित पुस्तक ‘वायर्ड फॉर सक्सेस‘ का लोकार्पण किया।इस अवसर पर दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डी के शर्मा विशिष्ट अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। यह पुस्तक हरियाणा में बिजली सुधारों की दिशा में किए गए प्रयासों पर आधारित है जिसका समाज के सभी वर्गों व अन्य राज्यों के बिजली वितरण निगमों को भी बड़े पैमाने पर लाभ होगा।
केंद्रीय विद्युत मंत्री मनोहर लाल ने इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए कहा कि 2014 में केवल प्रदेश के 105 गांवों में 24 घंटे बिजली दी जाती थी, और 7000 करोड़ से अधिक के बकाया बिल थे। परन्तु हरियाणा में बिजली कंपनियों को घाटे से उबारने और मुनाफे में लाने के लिए 2016 में उदय योजना के तहत व्यापक सुधार के कदम उठाए गए। उनके कुशल नेतृत्व में हरियाणा की दोनों बिजली कंपनियों ने निर्धारित लक्ष्य से दो वर्ष पहले ही लाभ अर्जित कर लिया। आज हरियाणा में 5800 से अधिक गांवों को 24 घंटे बिजली मिल रही है।
पुस्तक के बारे में विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि ‘वायर्ड फॉर सक्सेस‘ पुस्तक हरियाणा बिजली वितरण कंपनियों की अभूतपूर्व कहानी पर आधारित है। उन्होंने मंच से श्रीमद्भागवत गीता का श्लोक उच्चारण करते हुए कहा ‘कर्मण्येवाधिकारस्ते मां फलेषु कदाचन‘ अर्थात हमारा अधिकार केवल कर्म करने का है, फल की चिंता करना हमारा काम नहीं है और हमारे कर्मों ने ही हरियाणा को बिजली सुधार के क्षेत्र में अग्रणी बनाया है। इस अवसर पर उन्होंने यूएचबीवीएन और डीएचबीवीएन के सभी मानव संसाधनों और तत्कालीन सीएमडी शत्रुजीत कपूर को अपनी शुभकामनाएं दी। इस पुस्तक में दी गई बेस्ट प्रैक्टिसेज को सार्वजनिक तथा केंद्र सरकार के प्रशिक्षण केंद्रों में पढ़ाया जाए ताकि भविष्य में उन्हें इनका लाभ मिल सके।
कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने कहा कि श्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा बिजली निगमों को न केवल सफलता की नई ऊंचाइयां मिली बल्कि लाइन लॉसेस में रिकॉर्ड कमी दर्ज की गई जिसके परिणामस्वरूप दोनों वितरण कंपनियां मुनाफे में आ गई। इस उपलब्धि ने अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने पुस्तक के प्रकाशक को बधाई देते हुए सुझाव दिया कि वे इस पुस्तक का अनुवाद अन्य भाषाओं में भी करवाएं । ‘म्हारा गांव-जगमग गांव‘ योजना का परिणाम यह रहा कि रूरल फीडरों पर जहां घाटा 70 से 80 प्रतिशत तक था वह घटकर 20 से 25 प्रतिशत तक आ गया। इस पुस्तक को सभी लाइब्रेरियों में लगाया जाना चाहिए जो समस्या, उसके कारण और उसके समाधान भी बताती है। इस अवसर पर प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।