नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को तलाक मामले में झटका दिया। दिल्ली की अदालत ने नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर से अलग रह रहीं पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक की मांग वाली याचिका खारिज की। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि पारिवारिक अदालत की ओर से पारित आदेश में कोई खामी नहीं है और क्रूरता के लगाए गए आरोप भी साफ नहीं हैं। जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विकास महाजन की बेंच ने कहा, फैमिली कोर्ट के आदेश में कोई खामी नहीं। क्रूरता के आरोप अस्पष्ट हैं।
इसके पहले, दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर को अंतरिम भरण-पोषण के रूप में पायल को हर महीने 1.5 लाख रुपये देने का निर्देश दिया था। साथ ही उन्हें अपने दोनों बेटों की पढ़ाई-लिखाई के लिए हर माह 60,000 हजार का भुगतान करने को कहा था। अदालत का फैसला पायल और दंपति के बेटों की ओर से दायर याचिकाओं पर आया था। इसमें निचली अदालत के 2018 के आदेश को चुनौती दी गई थी, जहां लड़कों के वयस्क होने तक क्रमशः 75,000 रुपये और 25,000 रुपये का अंतरिम गुजारा भत्ता देने का निर्देश था।