पटना। सारण और सिवान जिले में जहरीली शराब पीकर मरने वालों की संख्या 37 से अधिक हो गई है। इसके अलावा 12 लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है। सिवान जिले में सबसे अधिक मौत भगवानपुर प्रखंड के माघर गांव तथा उसके आसपास के गांवों में हुई है। ग्रामीणों का कहना था कि प्रशासन के लापरवाही के कारण माफिया शराब की बिक्री कर रहे है। जिससे आज इतने बड़े पैमाने पर लोगों की मौत हुई है। माघर पंचायत के मुखिया मनमोहन मिश्रा ने बताया कि 16 अक्टूबर की सुबह उन्हें सूचना मिली कि गांव के मोहन महतो को आंखों से दिखाई नहीं दे रहा है। सूचना मिलने पर वे मोहन महतो के घर पहुंचे और पूछे कि उसने शराब तो नहीं पी है।
इस पर परिजनों ने बताया कि हां शराब पी है। इसके बाद उसे अस्पताल भिजवाया। थोड़ी देर के बाद एक और युवक की तबीयत बिगडऩे की सूचना मिली, उसे भी अस्पताल भिजवाया गया। इसके बाद लगातार लोग बीमार होते गए और अस्पताल जाने लगे। इसके बाद से गांव में हाहाकार मच गया। माघर पंचायत में जहरीली शराब पीने से मरने वालों में मुन्ना मियां, दारा मांझी, संतोष कुमार, मोहन साह, प्रभुनाथ राम, रामू , बुआई साह तथा विनय महतो शामिल हैं। वहीं अस्पताल में भर्ती लोगों में शैलेश शाह, दिनेश राम, मनोज महतो, जयशंकर शर्मा, सुनरदेव राय, भोला शर्म, मकबूल हाशमी, सुनील नट तथा शैलेश यादव शामिल हैं।
सभी मृतक दैनिक मजदूरी करने वाले हैं। माघर गांव के लोगों का कहना था कि चोरी छिपे हर ओर शराब मिल रही है। मजदूर लोग तो काम से थकने के बाद शाम को शराब की तलाश करने लगते हैं। जब उन्हें आसानी से मिल जाएगी तो पियेंगे ही। लोगों का कहना था कि अगर प्रशासन सख्त रहती ऐसी नौबत नहीं आती। शराब कांड के बाद माघर गांव में प्रशासन की टीम लगातार दौरा कर रही है। गुरुवार की शाम मद्य निषेध विभाग के सचिव सिवान के डीएम तथा एसपी के साथ पहुंचे। मृतकों के परिजनों से बातचीत कर जनकारी ली। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी घर-घर जाकर जांच कर रही है।