भुवनेश्वर । अरब सागर में भारी उथल-पुथल मची हुई है, इसका कारण चक्रवात ‘मोचा’ बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मोचा ने भयंकर तूफान की शक्ल ले ली है, जिसके बाद अंडमान निकोबार में अगले दो दिन भारी से भारी बारिश कि चेतावनी दी गई है। हालांकि अभी यह स्पष्ट होना बाकी है कि चक्रवात ‘मोचा’ किन-किन रास्तों से होकर गुजरेगा। मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक़ इसके बांग्लादेश और म्यांमार के तरफ जाने का अंदेशा है। चक्रवात की वजह से उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के समुद्री तट पर तेज हवाएं चलेंगी। गुरुवार को यह तूफ़ान और ताकतवर होगा।
कई जगह समुद्री तट पर भारी बारिश का अलर्ट भी मौसम विभाग ने दिया है। अंडमान में बुधवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इधर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि बंगाल की खाड़ी के ऊपर बन रहा चक्रवात मोचा शुक्रवार, 12 मई तक बहुत भयंकर तूफान में तब्दील हो सकता है, जहां हवा की गति 130 किमी प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। मौसम विभाग द्वारा बताया गया कि हल्के चक्रवात के तीव्र होकर चक्रवात ‘मोचा’ में तब्दील होने की संभावना है। मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि तूफान के 12 मई के आसपास बांग्लादेश और म्यांमार के तटों की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
आईएमडी के अनुसार, बंगाल की दक्षिण पूर्व खाड़ी और इससे सटे दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र पहले ही बन चुका है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में एक बड़े तूफान ने भाप लेना शुरू कर दिया है और इसके एक चक्रवात में तेज होने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि अच्छी तरह से चिह्नित कम दबाव वाला क्षेत्र 45 से 55 किमी प्रति घंटे की हवा की गति और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा के दबाव में केंद्रित हो गया है। जो एक गहरे दबाव में बदलने और अगले 12 घंटों में चक्रवात मोचा में बदलने की उम्मीद है, जहां हवा 80-90 किमी प्रति घंटे और 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
आईएमडी ने अपने बयान में कहा कि ‘मोचा’ चक्रवात की वजह से 11 मई तक खाड़ी द्वीपों में भारी वर्षा होने और 12 मई तक उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है। उम्मीद जताई गई है कि 14 मई के आसपास बांग्लादेश-म्यांमार तटों पर इसके पहुंचने की संभावना से पहले चक्रवात 12 मई को और अधिक ताकत हासिल कर लेगा। मछुआरों और छोटे जहाजों, नौकाओं व मछली पकड़ने वाली नौकाओं के संचालकों को सलाह दी जाती है कि वे मंगलवार से दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी और उससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी में नहीं जाएं।