नई दिल्ली । इस साल चक्रवातती तूफान बिपरजॉय ने मॉनसून का पूरा गणित ही बिगाड़ दिया है। जहां चार जून को केरल में सक्रिय होने वाला मानसून अभी तक नहीं पहुंच पाया है। वहीं अब शायद 18 तक देश के पर्वी हिस्सों को कवर कर सकता है। आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मॉनसून 11 जून के बाद से ज्यादा आगे नहीं बढ़ा है और इसके 18 जून से ही फिर से गति पकड़ने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी। केरल में शुरुआती देरी के बाद दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून रविवार से दक्षिणी प्रायद्वीप और देश के पूर्वी हिस्सों में आगे बढ़ने वाला है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि चक्रवात ‘बिपरजॉय’ का मॉनसून के आगे बढ़ने और मौसमी वर्षा प्रणाली की प्रगति पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि चक्रवात बिपारजॉय ओमान की तरफ उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता, तो इससे मॉनसून का प्रवाह प्रभावित होता। चक्रवात ने भूमध्यरेखीय प्रवाह को मजबूत करके मॉनसून की प्रगति में मदद की है क्योंकि यह दक्षिण-पूर्वी अरब सागर के ऊपर बना हुआ है। 18 से 21 जून के बीच दक्षिणी प्रायद्वीप के कुछ और हिस्सों तथा पूर्वी भारत और आसपास के क्षेत्रों में दक्षिण-पश्चिमी मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एम. राजीवन ने कहा कि उम्मीद है कि जून के अंतिम सप्ताह तक मॉनसून फिर से अपनी राह पकड़ लेगा।
उस वक्त तक मध्य और उत्तर पश्चिमी भारत में पर्याप्त बारिश नहीं हो सकती। किसानों को इस देरी के बारे में सूचित किया जाना चाहिए और सलाह दी जानी चाहिए कि इस दौरान उन्हें किस रणनीति का पालन करना चाहिए।’ मॉनसून आमतौर पर 15 जून तक पूरे मध्य भारत को कवर कर लेता है। वहीं स्काईमेट वेदर में जलवायु और मौसम विज्ञान के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा कि हम मॉनसून में कोई प्रगति नहीं देख रहे हैं। तीन से चार दिनों में प्रायद्वीपीय भारत में बारिश के साथ फिर से मॉनसून शुरू हो सकता है। 20-21 जून तक, हम मॉनसून के पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं। मॉनसून के मध्य भारत को कवर करने और उत्तर-पश्चिम भारत तक पहुंचने के लिए, हमें लंबा इंतजार करना होगा।