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साइबर क्राइम: हरियाणा पुलिस ने कसा शिंकजा, विभिन्न मामलों में करोड़ों रुपए बचाए

चंडीगढ़ – हरियाणा पुलिस ने पिछले छह महीनों में साइबर ठगी के कई मामले रोके हैं जिससे कई अपराध होने से बचे। साइबर क्राइम के विभिन्न मामलों में पीड़ित की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए हरियाणा पुलिस ने 27 करोड़ रुपए से ज़्यादा की साइबर धोखाधड़ी होने से बचाई है। इस दौरान पुलिस ने 689 साइबर ठग भी गिरफ्तार किए। छह महीने में स्टेट क्राइम ब्रांच ने 16 करोड़ से ज़्यादा और हरियाणा पुलिस ने 10 करोड़ से अधिक रुपयों की ऑनलाइन ठगी होने से बचाई। ऐसे कुछ मामलों पर नज़र डालें तो पता चलता है कि पुलिस ने प्रदेश में साइबर ठगी पर तेज़ी से शिकंजा कसा है और इन अपराधों पर लगाम लगाने में कायमयाब हुई है।

उदाहरण के तौर पर हिसार निवासी जितेंदर कुमार को साइबर ठगों ने अपनी बातों में उलझा कर तकरीबन तीन लाख रुपए की ठगी की। जैसे ही ठगी समझ आई पीड़ित ने तुरंत अपनी शिकायत नेशनल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दी। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने तुरंत तीन लाख रुपए बचा लिए। ऐसे ही एक अन्य केस में रोहतक निवासी कुलदीप ने ऑनलाइन पतंजलि का नंबर गूगल पर सर्च किया, जहां पीड़ित ठगों की बातों में आकर 94000 हज़ार रूपए जमा कर दिए। पीड़ित ने जब पैसे वापस मांगे तो साइबर ठगों ने और पैसों की डिमांड की। ठगी समझ आने पर पीड़ित ने अपनी शिकायत 1930 पर अपनी शिकायत दी तो पुलिस ने तुरंत रूपए होल्ड किए और ठगी को रोका।

ऐसे एक दो नहीं, अनेकों केस हुए है जहाँ प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने साइबर ठगी पर गहरा वार किया है। आज यहाँ एक पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रतिदिन इस तरह की एक हज़ार से अधिक कॉल पंचकूला में स्थित प्रदेश के साइबर हेल्पलाइन 1930 केंद्र में प्राप्त हो रही है. विदित है कि साइबर हेल्पलाइन केंद्र वर्तमान में स्टेट क्राइम ब्रांच के अंतर्गत कार्य कर रहा है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि मात्र 6 महीने में ही प्रदेश पुलिस ने साइबर ठगी में जा चुके 27 करोड़ रुपए से अधिक को वापस लाने में सफलता हासिल की है।

सबसे अधिक जून माह में बचाये 3.32 करोड़ रुपए, 1224 केस हुए दर्ज, 286 केसों में पुलिस को सफलता – पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष जनवरी से जून तक छह महीने में नेशनल साइबर हेल्पलाइन 52,824 शिकायतें प्राप्त हुई थी जो कि पिछले वर्ष से पांच प्रतिशत अधिक है। प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष के मुकाबले 38% शिकायतों का निवारण किया गया। इस वर्ष प्रदेश पुलिस द्वारा 1224 केस दर्ज किये गए जिनमें से आई.टी. एक्ट में 223 केस, व आईपीसी में प्रदेश पुलिस द्वारा 1001 केस दर्ज किए गए. इनमें से 286 केसों में प्रदेश पुलिस को सफलता भी हासिल हुई है। इस वर्ष स्टेट क्राइम ब्रांच की साइबर हेल्पलाइन ने सबसे अधिक जून में तकरीबन 3.32 करोड़ रुपए साइबर ठगों से बचाए हैं। टीम ने मार्च 2023 में 3.29 करोड़ रुपयों की ठगी होने से बचाई। मात्र 6 महीने में साइबर क्राइम नेशनल हेल्पलाइन ने जनवरी से जून माह तक 16.45 करोड़ बचाए। इसके अतिरिक्त जिला पुलिस ने 10.48 करोड़ की ठगी होने से बचाई और प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर ठगी के 27.44 करोड़ बचाने में सफलता हासिल हुई है। वहीँ विदेशी मुद्रा में दो हज़ार अमेरिकन डॉलर व 340 यूरो को भी प्रदेश पुलिस द्वारा बरामद किया गया है।

179 हाई वैल्यू केस दर्ज, प्रदेश पुलिस ने 23 केस खुद किए दर्ज, 689 साइबर ठग गिरफ्तार – पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस वर्ष जून माह तक स्टेट साइबर नोडल संस्था स्टेट क्राइम ब्रांच व जिला पुलिस के सामूहिक प्रयासों से 689 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा प्रदेश पुलिस ने 179 हाई वैल्यू केस दर्ज किये गए है. विदित है कि प्रदेश पुलिस पांच लाख से ऊपर हुई साइबर ठगी को हाई वैल्यू केस मानती है। इसके अतिरिक्त 23 सुओ मोटो केस भी प्रदेश पुलिस द्वारा ठगी की गंभीरता समझते हुए दर्ज किये है। पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि स्टेट साइबर नोडल संस्था एससीबी के साइबर हेल्पलाइन सेंटर 1930 पर पहले 6 महीने ही में 1,80,477 कॉल प्राप्त की गई है।

ब्लॉक किये 33 हज़ार से अधिक साइबर ठगों के फ़ोन नंबर, 66,732 बैंक खाते भी फ्रीज़ – पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार ने दिशा – निर्देशों पर कार्य करते हुए पंचकूला में स्टेट साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की गई है। स्टेट क्राइम ब्रांच में स्थापित सेंटर ने अब तक साइबर ठगी में उपयोग 33,425 मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए है। वहीँ पोर्टल पर 36 हज़ार से अधिक मोबाइल नंबरों पर शिकायत दर्ज की गई है, जिस पर कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा साइबर कोआर्डिनेशन सेंटर द्वारा 66,732 बैंक खाते फ्रीज़ किये गए है ताकि साइबर ठग उन खातों का उपयोग ना कर सकें। वर्तमान में सेंटर में 5 पुलिसकर्मियों की टीम, अधिकारियों की देखरेख में गठित की गई है जो प्रतिदिन साइबर अपराध में संलिप्त मोबाइल नंबर पर रिपोर्ट तैयार कर रहे है। बंद किए गए नंबर धारी को अगर कोई आपत्ति हो तो वे अपने थाने में आधार कार्ड, सिम के साथ संपर्क कर सकते हैं। उनकी समस्या ऑनलाइन माध्यम से क्राइम ब्रांच को प्राप्त होगी जो शिकायत की सत्यता की जांच कर उचित कार्रवाई करेगी।

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