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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भाजपा के संकल्प पत्र के दो प्रमुख वादों को किया पूरा

चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संकल्प पत्र के दो प्रमुख वादों को पूरा करते हुए एक बड़ी स्वास्थ्य सेवा पहल की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्यभर के सभी 26 सरकारी अस्पतालों और 15 सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में मरीजों का मोतियाबिंद का ऑपरेशन नि:शुल्क किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य हरियाणा के लोगों के लिए आवश्यक नेत्र देखभाल को और अधिक सुलभ बनाना है। इसके अलावा, नायब सिंह सैनी ने पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ में सफल टेलीमेडिसिन सेवाओं की तर्ज पर पीजीआईएमएस रोहतक में विशेषज्ञों द्वारा टेली-परामर्श सेवाएं शुरू करने की भी घोषणा की। इस सेवा से राज्य के निवासियों को बिना किसी खर्च के चिकित्सा विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे बड़ी संख्या में लोगों, विशेषकर ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को लाभ होगा।

हरियाणा में प्रतिदिन प्राप्त होने वाली कॉल्स की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, जो औसतन 1,700 कॉल प्रतिदिन तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए राज्य सरकार ने कॉल्स की संख्या को बढ़ाकर 7,000 प्रतिदिन करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। वर्तमान में, पूरे हरियाणा में बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में आने वालों की कुल संख्या लगभग 1 लाख प्रतिदिन है। मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी आज यहां स्वास्थ्य, आयुष और चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभागों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का प्राथमिक लक्ष्य पूरे राज्य में सभी नागरिकों के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ बनाना है। बैठक में स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान और आयुष मंत्री सुश्री आरती सिंह राव भी मौजूद थीं।

मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाते हुए आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल के एमपैनलमेंट रद्द करने के दिए आदेश – आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए मरीजों से नकद पैसे लेने के आरोप में अग्रवाल नर्सिंग होम, कुरुक्षेत्र के खिलाफ शिकायत पर सख्त कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री ने योजना के तहत सूचीबद्ध इस अस्पताल का तत्काल प्रभाव से एमपैनलमेंट रद्द करने के आदेश दिए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यदि कोई अस्पताल मरीजों या उनके परिजनों से नकद पैसे लेते हुआ या एडवांस भुगतान के लिए हस्ताक्षर मांगता हुआ पाया गया तो उसका एमपैनलमेंट तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। श्री नायब सिंह सैनी ने आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज के लिए अस्पतालों को समय पर भुगतान के लिए एक रिवॉल्विंग फंड स्थापित करने का भी सुझाव दिया। करीब 45 लाख पात्र परिवारों को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये प्रति परिवार का स्वास्थ्य बीमा मिल रहा है। राज्य में कुल 1227 सूचीबद्ध अस्पताल हैं, जिनमें 502 सरकारी और 725 निजी अस्पताल शामिल हैं।

सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपने निर्धारित ड्यूटी घंटों के दौरान रहें उपलब्ध – राज्यभर के सिविल अस्पतालों के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली के प्राथमिक लक्ष्य मरीजों की संतुष्टि के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ अपने निर्धारित ड्यूटी घंटों के दौरान उपलब्ध रहें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रोगियों को स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त करने में अनावश्यक देरी का सामना न करना पड़े। मुख्यमंत्री ने बेहतर संचार और रोगी सहायता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। इस संबंध में, उन्होंने निर्देश दिए कि समय पर सहायता प्रदान करने और रोगियों की किसी भी चिंता या शिकायत को दूर करने के लिए सभी सिविल अस्पतालों में एक टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर स्थापित किया जाए।

777 चिकित्सा अधिकारियों के पद जल्द ही भरे जाएंगे – मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करने और डॉक्टरों की मांग को पूरा करने के उद्देश्य से, राज्य में 31 दिसंबर 2024 से पहले 777 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। इसके अलावा, ग्रामीण स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे को और मजबूत करने के लिए 718 उप स्वास्थ्य केंद्र (एसएचसी), 82 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) और 25 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) सहित 825 स्वास्थ्य संस्थान चरणबद्ध तरीके से स्थापित किए जाएंगे।

सभी जिला अस्पतालों के प्रसूति एवं स्त्री रोग वार्डों में हाईटेक सुविधाएं हों सुसज्जित – बैठक में मुख्यमंत्री ने सर्जिकल पैकेज के तहत सरकारी अस्पतालों में आयुष्मान भारत के मरीजों का इलाज कर रहे सरकारी डॉक्टरों को 20 प्रतिशत कॉर्पस फंड में से 5 प्रतिशत बोनस देने की भी मंजूरी दी। श्री नायब सिंह सैनी ने यह भी निर्देश दिए कि नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के लिए सभी अस्पतालों के प्रसूति एवं स्त्री रोग वार्डों में हाईटेक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट का 10 प्रतिशत प्रावधान किया जाए। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि उनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को अब निजी अस्पतालों में इलाज कराने की जरूरत न पड़े।

डिजिटल इन्वेंटरी पोर्टल पर मिलेगी चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता की वास्तविक जानकारी – मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सीएम डैशबोर्ड से जुड़ा एक डिजिटल इन्वेंटरी पोर्टल प्राथमिकता के आधार पर स्थापित किया जाए। यह पोर्टल आईसीयू, अल्ट्रासाउंड मशीन, एक्स-रे मशीन, सीटी स्कैनर आदि चिकित्सा उपकरणों की उपलब्धता की वास्तविक समय पर जानकारी देगा। डिजिटल इन्वेंटरी पोर्टल इन सेवाओं के दैनिक उपयोग को ट्रैक करने में भी मदद करेगा, जिससे बेहतर संसाधन प्रबंधन और सेवा वितरण सुनिश्चित होगा। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में स्थापित कैथलैब में कार्डियोलॉजिस्ट और अन्य संबंधित कर्मचारियों की चौबीसों घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक योजना बनाई जानी चाहिए कि हर जिला अस्पताल में आईसीयू हो। वर्तमान में, छह अस्पताल संचालन के लिए तैयार हैं।

योग एवं व्यायामशालाओं के रखरखाव के लिए स्थायी तंत्र तैयार करें – आयुष विभाग की कार्यप्रणाली की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि कुरुक्षेत्र में 1,296.09 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से विकसित किए जा रहे आयुष विश्वविद्यालय के निर्माण में तेजी लाई जाए। उन्होंने राज्य में आयुष पद्धतियों को बढ़ावा देने और प्रचार-प्रसार करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य में योग एवं व्यायामशालाओं के रखरखाव के लिए स्थायी तंत्र तैयार करने के निर्देश दिए।

6 नए नर्सिंग कॉलेज निर्माणाधीन – बैठक में मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेजों और अन्य आगामी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए। बैठक में बताया गया कि वर्तमान में राज्य में 15 मेडिकल कॉलेज हैं। राज्य में 6 नए नर्सिंग कॉलेज बनाए जा रहे हैं। इनमें जिला पंचकूला, कुरुक्षेत्र, कैथल, रेवाड़ी में एक-एक और जिला फरीदाबाद में दो शामिल हैं।

बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव  सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव तथा विकास एवं पंचायत विभाग के आयुक्त एवं सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के आयुक्त अशोक कुमार मीना, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के महानिदेशक डॉ. साकेत कुमार, डीजीएचएस डॉ. कुलदीप तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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