चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विधानसभा सत्र के दौरान सदन को जानकारी दी कि हरियाणा सरकार ने नागरिकों के कल्याण और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता दिखाई है, जिसके चलते आज लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हुई हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में निरंतर प्रयासों के माध्यम से सरकार ने लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं। हरियाणा सरकार ने आयुष्मान भारत चिरायु हरियाणा योजना के तहत कमजोर वर्ग के लोगों को निशुल्क चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने का प्रयास किया है। प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा देते हुए हाल ही में आयुष्मान भारत-चिरायु हरियाणा योजना का विस्तार किया है। अब इस योजना के तहत 1.80 लाख रुपये से 3 लाख रुपये वार्षिक आय वाले परिवारों को भी ईलाज का लाभ मिल रहा है।
उन्होंने बताया कि योजना के तहत 19 दिसंबर 2023 तक कुल 1,00,48,464 कार्ड बनाए जा चुके हैं। वर्ष 2011 की सामाजिक आर्थिक एवं जातीय जनगणना के डाटा के तहत 28,89,287 कार्ड बनाए जा चुके हैं जबकि चिरायु योजना के तहत 71,01,289 कार्ड और चिरायु विस्तारीकरण योजना के तहत 57,888 कार्ड बनाए गए हैं। अंबाला जिला में 4,42,209, भिवानी में 5,59,588, चरखी दादरी में 2,17,225, फरीदाबाद में 4,06,273, फतेहाबाद में 4,56,931 और गुरुग्राम में 3,19,460 कार्ड बने हैं। हिसार में 8,34,401, झज्जर में 3,23, 222, जींद में 5,86,597, कैथल में 5,02, 953, करनाल में 6,77,047, कुरुक्षेत्र में 4,58,021, महेंद्रगढ़ में 4,13,866 और मेवात में 4,02,735 आयुष्मान भारत चिरायु कार्ड बनाए गए हैं। वहीं पलवल में 4,02,463, पंचकूला में 1,54,234, पानीपत में 5,46,338, रेवाड़ी में 3,09,837, रोहतक में 3,66,706, सिरसा में 5,69,870, सोनीपत में 5,14,119 और यमुनानगर जिला में 5,84,372 कार्ड बनाए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में 1.20 लाख रुपये सालाना आय वाले परिवारों को शामिल किया गया था, जिनका नाम सामाजिक आर्थिक एवं जातीय जनगणना (एसईसीसी-2011) के डाटा में था। हरियाणा सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को इस योजना का लाभ देने के उद्देश्य से इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए चिरायु हरियाणा योजना शुरू की और सालाना आय सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया। योजना का विस्तार करते हुए हरियाणा सरकार ने उन लोगों को भी इसमें शामिल किया है जिनकी आमदनी 1 लाख 80 हजार रुपए से ज्यादा और 3 लाख रुपये वार्षिक से कम है, वे परिवार भी मात्र 1500 रुपए का वार्षिक प्रीमियम देकर इस योजना का लाभ ले रहे हैं। इस योजना के तहत प्रदेश में कुल 715 अस्पताल सूचीबद्ध हैं, जिनमें 539 निजी अस्पताल और 176 सरकारी अस्पताल शामिल हैं।