चंडीगढ़ – पानीपत के गुरु तेग बहादुर मैदान में शनिवार को नजारा अन्य दिनों की भांति अलग ही था। सवेरे से ही गीतों की झनकार पंडाल में लगे झूलों पर सुनाई पड़ रही थी। प्रदेशभर से हजारों की संख्या में रंग-बिरंगी परिधानों में आई महिलाएं सुबह से ही इस राज्य स्तरीय तीज महोत्सव में उत्साहपूर्वक भाग लेने पहुंची। मेरा नो डांडी का बिजणा, झूला झूलुं हे मां मेरी एए बाग मै की स्वर लहरी से पूरा पंडाल गूंजा रही थी। हरियाणा की संस्कृति से जुड़े गीत त्योहारी पहचान को तरोताजा कर रहे थे। झूला झूलती महिलाएं पूरे हरियाणवी परिधान के साथ नजर आ रही थी। उत्साह व हरियाणवी संस्कृति का ऐसा संगम पहली बार गुरु तेग बहादुर मैदान का गवाह बना। प्रदेशभर से राज्य स्तरीय तीज महोत्सव कार्यक्रम में पहुंची महिलाएं झूलों पर हिलोरे ले लेकर हरियाणवी संस्कृति से जुड़े गीतों को स्वर दे रही थी।
राज्य स्तरीय कार्यक्रम में महिलाओं में उस वक्त उत्साह का सृजन साफ दिखाई पड़ा जब मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विभिन्न झूलों पर झूल रही महिलाओं से त्यौहार के बारे में बात की व उनका उत्साहवर्धन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिलाओं के साथ झूला झूल रही एक नन्ही बच्ची से बात की व उन्हें 2 बार झूला झुलाया।उत्सव की छटा इस कदर मनोहारी थी कि मुख्यमंत्री ने हल्की-हल्की बूंदा-बांदी के बीच प्रदेशभर से आई महिलाओं का उत्साह बढ़ाया और हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम में प्रदेशभर की महिलाओं के अलावा प्रशासनिक अधिकारियों की पत्नियों ने भी राज्य स्तरीय तीज महोत्सव का झूला झूलकर आन्नद लिया व खुशी पूर्वक सावन के गीत गाए। कार्यक्रम में पहुंची महिला सावित्री, स्मृति, स्वाती ने सरकार द्वारा आयोजित किए गए इस राज्य स्तरीय कार्यक्रम में महिलाओं को दी जाने वाली कोथली की पहल की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि इस तरह के आयोजन प्रदेश ही नहीं आम महिलाओं को भी संस्कारों के साथ जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम में लोकसभा सांसद संजय भाटिया की पत्नि अंजु भाटिया ने झूला झूलकर इस कार्यक्रम को यादगार बनाया। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम पूरी तरह से महिलाओं को समर्पित रहा है। कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से पहुंची महिलाओं ने संकल्प लिया है कि वे तीज उत्सव को हर वर्ष और भी उत्साह और आनंद के साथ मनाकर इस पावन संस्कृति को भविष्य में भी जीवित रखेंगी।इस तीज उत्सव में प्रदेशभर से हजारों की संख्या में महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचीं और मुख्य पंडाल के साथ ही 101 से जायदा रंग बिरंगे झूले लगाए गए थे जिन पर हरियाणवी पोशाकों में महिलाओं ने तीज के गीत गाते हुए हिलोरें लिए। समारोह में महिलाओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं को एक प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया गया।
तीज उत्सव में हरियाणा लोक कला संघ द्वारा विरासत प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें मुख्यमंत्री का स्वागत 100 साल पुराने हरियाणवी एंटीक्स और पारंपरिक चादरा दे कर किया गया। लोक कलाओं में माहिर महिलाओं द्वारा तैयार किए गए उत्पादों की भी प्रदर्शनी लगाई गई। समारोह में देसी खान पान को अनूठे ढंग से प्रदर्शित किया गया। इस तीज उत्सव में आने वाली सभी महिलाओं को मुख्यमंत्री की ओर से तीज त्यौहार पर बहनों को दी जानी वाली कोथली भेंट स्वरूप दी गई। हरियाणा में पहली बार मनाए गए राजकीय तीज महोत्सव में 101 महिला अचीवर्स को सम्मानित भी किया गया। सही मायनों में हरियाणवी संस्कृति को सहजने और संजोने के प्रयासों को सरकार ने और गति दी है और इस प्रकार के कार्यक्रमों से त्योहारों को सार्वजनिक रूप से मनाने की हमारी पुरानी परंपरा को भी बल मिलेगा।