HomeHaryana Newsमुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ की अहम बैठक

मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ की अहम बैठक

चंडीगढ़ – हरियाणा में गांवों और शहरों के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए तीन करम से अधिक चौड़ाई वाले सभी रास्तों को पक्का किया जाएगा। साथ ही, सड़क नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से स्वीकृत 1647 सड़कों में से 1632 सड़कों के टेंडर हो चुके हैं और 1378 सड़कों का काम आवंटित किया जा चुका है। यह जानकारी आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रशासनिक सचिवों और जिला उपायुक्तों के साथ हुई एक अहम बैठक में दी गई। बैठक में स्वामित्व योजना, लोक निर्माण विभाग की सडक़ों, मेरी फसल मेरा ब्योरा, मंडियों में फसल खरीद सुनिश्चित करने, मुख्यमंत्री घोषणाओं, मेरी माटी-मेरा देश, लिंगानुपात सहित सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं व कार्यक्रमों की समीक्षा की गई।

मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग द्वारा सडक़ों की मरम्मत व निर्माण कार्य को लेकर निर्देश दिए कि प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के लिए विधायक को 25-25 करोड़ रुपये की राशि सडक़ों के निर्माण के लिए स्वीकृत की गई है। इन सडक़ों के टैंडर प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया और वर्क अलॉट करने में देरी न करें। उन्होंने 5 करम के रास्तों के कार्य के संबंध में निर्देश देते हुए कहा कि उपायुक्त इन रास्तों का सीमांकन सुनिश्चित करें ताकि समयबद्ध तरीके से इन पर काम शुरू हो सके। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि हाल ही में हुई बारिश के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों का सर्वे करवाएं और रिपोर्ट प्रस्तुत करें कि कितनी सड़कों की मरम्मत की आवश्यकता है। बैठक में बताया गया की ऐसी सड़कों के लिए 20 लाख रुपए की लागत की सड़क के कार्य एक्सीएन की कमेटी अपने स्तर पर करवा सकती है, इससे ऊपर के कार्य के लिए मुख्यालय के पास फाइल आएगी। उन्होंने उपायुक्तों को सड़कों की गुणवत्ता की निगरानी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।

प्रत्येक परियोजना एवं योजना का समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करें अधिकारी –  मनोहर लाल ने कहा कि उपायुक्तों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजना व कार्यक्रमों का कार्यान्वयन समयबद्ध तरीके से सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक उपायुक्त यह सुनिश्चित करें कि सभी सरकारी योजनाओं और परियोजनाओं का कार्यान्वयन निर्धारित समय सीमा के भीतर हो, ताकि आम जनमानस को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को जनसंवाद कार्यक्रमों के दौरान प्राप्त प्रस्तावों और मांगों की बारीकी से निगरानी करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों के समाधान में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए और शिकायतों का समाधान तभी माना जाएगा, जब प्रतिवेदन देने वाला व्यक्ति संतुष्ट होगा। लोगों की संतुष्टि ही हमारा मुख्य ध्येय होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जन संवाद कार्यक्रमों में कुछ शिकायतें, विशेष रूप से सरपंचों द्वारा उठाई गई शिकायतों की मौके पर ही घोषणा होती है। इसलिए प्रशासनिक सचिव और उपायुक्त जन संवाद के दौरान की गई घोषणाओं की एक व्यापक सूची संकलित करें और इन्हें सीएम घोषणाओं में शामिल करें। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शहरी स्थानीय निकायों और पंचायत विभागों में आने वाली मांगों की समय-समय पर समीक्षा करने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जनसंवाद पोर्टल पर उपायुक्तों और अतिरिक्त उपायुक्तों के कार्यालयों में प्राप्त सभी शिकायतों की भी बारीकी से निगरानी की जाए और उनका त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, उपायुक्तों को पंचायतों से संबंधित मांगों से जुड़ी व्यवहार्यता और लागत अनुमानों की बारीकी से निगरानी करने के भी निर्देश दिए।

फसल की कटाई से पहले एमएफएमबी पर डेटा मिसमैच को किसानों के साथ साझा करें – बैठक में मुख्यमंत्री ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल की भी समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि पोर्टल पर दर्ज फसलों का कुछ डाटा मिसमैच है। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि आगामी 2-3 दिनों में तुरंत टीमें गठित कर मौके पर जाकर चेक करें और डेटा को सत्यापित करें। इसके अलावा, किसानों को भी एक संदेश भेजा जाए कि वे भी तुरंत जिला कार्यालय में जाकर अपना डाटा सही करवा लें। उन्होंने कहा कि राज्य में 25 सितंबर से खरीद शुरू हो जाएगी, इसलिए सत्यापन का कार्य मिशन मोड में लेकर करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार सरकार ने मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर प्रदेश की कृषि योग्य भूमि का शत-प्रतिशत पंजीकरण करवाना सुनिश्चित किया है, इसका उद्देश्य यही है कि आगामी भविष्य में डाटा से संबंधित किसी प्रकार की परेशानी न आए।

25 सितंबर से होगी धान व बाजरे की खरीद, जिला उपायुक्त मंडियों में सभी तैयारियां करें सुनिश्चित – मनोहर लाल ने कहा कि 25 सितंबर से धान व बाजरे की खरीद की जाएगी। उन्होंने जिला उपायुक्तों को अपने-अपने जिलों में संबंधित अधिकारियों के साथ खरीद प्रक्रिया से संबंधित सभी तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिाए, ताकि किसानों को अपनी उपज बेचने में किसी भी प्रकार की परेशानी न आए। उन्होंने निर्देश दिए की खरीद आरंभ होने से पहले सभी मंडियों में पिछले वर्ष का स्टॉक अवश्य चेक कर लें, ताकि कोई भी नई खरीद में स्टॉक की गई फसल को बेचने की कोशिश न करे। साथ ही नमी मापने वाले मीटरों की कैलिब्रेशन करवाने जैसी तैयारी अभी पूरी कर लें। उन्होंने मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारियों को नियंत्रण कक्ष की स्थापना करने, आवश्यक कंप्यूटर उपकरण और डेटा एंट्री ऑपरेटरों के साथ-साथ निर्बाध इंटरनेट सुविधा सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये सभी व्यवस्थाएं मौजूदा मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए।

बाजरे की तस्करी पर रखें नजर – मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से हरियाणा को 2.5 लाख मिट्रिक टन बाजरे की खरीद की अनुमति मिल चुकी है, इसलिए पड़ोसी राज्यों से बाजरे की स्मगलिंग की आशंका है। इसे देखते हुए जिला उपायुक्त कि पड़ोसी राज्यों से बाजरे की स्मगलिंग हो इसलिए सभी जिला उपायुक्त सभी संबंधित एजेंसिंयों के सहयोग से सीमाओं पर कड़ी निगरानी रखें।

मेरी माटी – मेरा देश कार्यक्रम हरियाणा के लिए गौरव का विषय : डॉ. अमित अग्रवाल

मुख्मयंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव एवं सूचना, लोक संपर्क, भाषा तथा लोक संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल ने कहा कि आजादी के अमृत काल में मेरी माटी – मेरा देश अभियान हरियाणा के लिए गौरव का विषय है। यहां के किसान जहां अन्न पैदा करके करोड़ों लोगों का पेट भरने का काम करते हैं, वहीं यहां के खिलाड़ी अपने देश की मिट्टी में खेलते हुए पदक हासिल करके देश का गौरव बढ़ाते हैं तथा यहां के जवान अपनी मातृ भूमि की रक्षा के लिए प्राण न्यौछावर करने में गर्व महसूस करते हैं। हरियाणा की इन्हीं गौरव गाथाओं को अभियान के माध्यम से घर-घर पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ब्लॉक स्तर 3 अक्तूबर से 13 अक्तूबर तक कार्यक्रम आयोजित करते हुए सभी गांवों से आये हुए अमृत कलश की मिट्टी ब्लॉक स्तर पर एक अमृत कलश में एकत्रित की जाएगी तथा अमृत कलश में मिट्टी एकत्रित करने के दौरान बड़े कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्तीय आयुक्त, राजस्व  टी.वी.एस.एन प्रसाद, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  वी उमाशंकर, मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के प्रधान सचिव  विजेंद्र कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव और सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पांडुरंग सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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