चंडीगढ़ – हरियाणा में ग्रुप-डी के 13,536 पदों की भर्ती के लिए होने वाली कॉमन पात्रता परीक्षा (सीईटी) के नकल रहित सफल संचालन के लिए राज्य सरकार ने कड़े इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने परीक्षा की समुचित तैयारियों की समीक्षा हेतु आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल आयुक्तों, जिला उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, रेंज आईजी के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि मैरिट पर भर्ती करना ही सरकार का मुख्य ध्येय है, इसलिए परीक्षा के संचलान में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए, यह हम सभी की जिम्मेवारी है।
ग्रुप डी पदों के लिए सीईटी परीक्षा 21 और 22 अक्तूबर, 2023 को आयोजित की जाएगी, जिसका संचालन नेशनल टेस्टिंग एंजेसी (एनटीए) द्वारा किया जाएगा। इस परीक्षा के लिए 13,75,151 अभ्यर्थियों ने अपना पंजीकरण करवाया है। सीईटी परीक्षा के लिए चंडीगढ़ समेत प्रदेश के 17 जिलों नामतः पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, कैथल, हिसार, भिवानी, फतेहाबाद, सिरसा, पलवल, मेवात में नारनौल और रेवाड़ी में 798 परीक्षा केंद्र बनाये गए हैं। परीक्षा सुबह और शाम दो शिफ्टों में आयोजित की जाएगी। सुबह 10.00 बजे से 11.45 बजे तक और दोपहर 3 बजे से 4.45 तक दो सत्रों में परीक्षा आयोजित होगी। इस प्रकार, एक शिफ्ट में करीब साढ़े 3 लाख बच्च्चे परीक्षा देने आने की संभावना है।
परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ की भी होगी अदला-बदली – मनोहर लाल ने निर्देश देते हुए कहा कि पेपर लीक, पेपर आउट, नकल या किसी और के स्थान पर कोई अन्य व्यक्ति परीक्षा देने आया हो, ऐसे मामले न हों, इसके लिए परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ की इस बार अदला-बदली की जाए, ताकि उन्हें स्वयं भी यह न पता हो कि किस परीक्षा केंद्र पर उनकी डयूटी लगेगी। साथ ही, परीक्षा केंद्रों पर बायोमेट्रिक व फेस ऑथेंटिकेशन जैसी तकनीकों से परीक्षार्थियों की पहचान की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले हरियाणा के बारे में यह कहा जाता था कि यहां नौकरियां खरीदी जाती हैं। लेकिन हमने मिशन मैरिट का संकल्प लिया और सरकारी भर्तियां बिना किसी पर्ची व खर्ची के देनी शुरू की।
इस बार भी मैरिट पर भर्ती करना हमारी जिम्मेवारी है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि परीक्षा केंद्रों पर जैमर की तैनाती और वे ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित करने व निगरानी के लिए अलग से अधिकारियों की डयूटी लगाई जाए। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 21 व 22 अक्तूबर को सप्तम व अष्टमी का उत्सव है, इसलिए परीक्षा केंद्रों पर तैनात स्टाफ विशेषकर महिला अध्यापकों के लिए फलाहार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश देते हुए कहा कि जिलों में अभ्यर्थियों के लिए ठहरने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। इसके लिए उपायुक्त अपने-अपने जिलों में धर्मशालाओं को चिन्हित कर लें। साथ ही, सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के साथ भी समन्वय स्थापित कर पूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
21 व 22 अक्तूबर को परीक्षार्थियों के आवागमन के लिए होगी परिवहन की विशेष व्यवस्था – बैठक में बताया गया कि परीक्षा केंद्रों तक सुगम यात्रा प्रदान करने के लिए परिवहन विभाग की ओर से 21 व 22 अक्तूबर को परीक्षार्थियों के आवागमन के लिए परिवहन की विशेष व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में बसों की उपलब्धता होगी। इसके लिए हरियाणा रोडवेज की 3000 बसें और विभिन्न शिक्षण संस्थानों की बसों का उपयोग किया जाएगा। सभी परीक्षार्थियों द्वारा एडमिट कार्ड दिखाने पर यात्रा सेवाएं प्रदान की जाएंगी। इसके अलावा, बस स्टैंड व रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क भी स्थापित किए जाएंगे।
परीक्षा केंद्रों के 500 मीटर के दायरे में लगेगी धारा-144 – बैठक में बताया गया कि ग्रुप-डी की सीईटी परीक्षा के लिए परीक्षा केंद्रों के 500 मीटर के दायरे में धारा-144 लागू की जाएगी। इसके अलावा परीक्षा के दिन कोचिंग सेंटर और प्रिंटिंग स्टेशनरी की दुकानें भी बंद रखी जाएंगी। परीक्षा केन्द्रों की पूरी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी तथा किसी भी उम्मीदवार को मोबाइल फोन नहीं ले जाने दिया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के 200 मीटर के दायरे में पार्किंग की भी कोई सुविधा नहीं होगी। बैठक में बताया गया कि हर स्कूल पर एक ऑर्ब्जवर नियुक्त किया गया है। फोन व ब्ल्यूटूथ जैसे कोई भी उपकरण परीक्षा केंद्रों में ले जाने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। इतना ही नहीं, सिटी कॉर्डिनेटर और ऑबजर्वर के पास ही मोबाइल फोन रखने की अनुमति होगी। इनके अलावा किसी अन्य स्टाफ के पास फोन नहीं होंगे।
कौशल ने उपायुक्तों को एक निर्देश है कि शारीरिक रूप से विकलांग उम्मीदवारों द्वारा उपयोग किए जाने वाले ट्राइसाइकिल और परिवहन के अन्य साधनों को परीक्षा केंद्र के कमरों तक निर्बाध पहुंच सुनिश्चित की जाए। हालांकि, इस बार दिव्यांग अभ्यर्थियों को अपने ही जिले में परीक्षा केंद्र दिलाने की सुविधा मुहैया करवाने का प्रयास किया गया है, ताकि उन्हें लंबी दूरी तय न करनी पड़े और किसी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने निर्देश दिए कि दिव्यांग उम्मीदवारों और शारीरिक रूप से विकलांग अभ्यर्थी के लिए परीक्षा केन्द्र मे बैठने की पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए। इसी प्रकार, लड़कियों को उनके ही या आसपास के जिलों में परीक्षा केंद्र आवंटित करने का प्रयास किया गया है।
बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एके सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष भोपाल सिंह, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव विकास गुप्ता, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी सीआईडी आलोक मित्तल, परिहवन विभाग के प्रधान सचिव नवदीप विर्क सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।