सिम्बली (होशियारपुर) : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आने वाली नस्लों के लिए पानी बचाने के लिए भूजल संरक्षण के साथ-साथ राज्य की वनस्पती और जंगली जीव को बचाने के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरू करने का ऐलान किया है। चिट्टी वेईं के प्रोजैक्ट का नींव पत्थर रखने के बाद इक्ट्ठ को संबोधन करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब महान गुरूओं और संतों की पवित्र धरती है, जिन्होंने हमें पर्यावरण के संरक्षण का रास्ता दिखाया। उन्होंने कहा कि गुरू साहिबान के नक्शे-कदम पर चलते हुये राज्य सरकार, पंजाब के कुदरती संसाधनों के संरक्षण के लिए बड़े स्तर पर मुहिम शुरु करेगी। भगवंत मान ने कहा कि इस महान कार्य के लिए फंडों की कोई कमी नहीं है। उन्होंने लोगों को इस कार्य के लिए सहयोग देने और इसको लोक लहर बनाने का न्योता दिया।
गुरबानी की तुक ‘पवनु गुरू पानी पिता माता धरति महतु’ का हवाला देते हुये मुख्यमंत्री ने बताया कि हमारे गुरू साहिबान ने हवा की तुलना अध्यापक, पानी की पिता और धरती की माँ से की है परन्तु कितने दुर्भाग्य की बात है कि हम गुरू साहिबान के शब्दों का सम्मान नहीं रख सके और हमनें इन तीनों ही संसाधनों को दूषित कर दिया है। भगवंत मान ने कहा कि अब समय आ गया है कि हम गुरबानी की शिक्षाओं को अपने जीवन में ढाल कर राज्य की शान को सही अर्थों में बहाल करें। पर्यावरण के मसलों को जानबूझ कर नजरअन्दाज करने के लिए विरोधी पक्षों की आलोचना करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी, हवा और धरती की कोई वोट न होने के कारण इन नेताओं ने इन तीनों क्षेत्रों को नजरअन्दाज किया। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर प्रदूषण के कारण इन तीनों ही कुदरती संसाधनों का नुकसान हुआ है, जिससे समाज को अपूर्णीय घाटा पड़ रहा है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य में ‘आप’ सरकार बनने के बाद पर्यावरण को बचाने के लिए कदम उठाए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारें लंबे समय से स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे अहम क्षेत्रों को भी नजरअन्दाज कर रही हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार बनने के अबाद इन क्षेत्रों में मुकम्मल तबदीली देखने को मिली है। भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार की अथक कोशिशों स्वरूप पंजाब इन सभी क्षेत्रों में जल्द ही मुल्क भर में से अग्रणी राज्य बन कर उभरेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भूजल की बचत करने के लिए नहरी पानी के अधिकतम प्रयोग के लिए बड़े स्तर पर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब अपने पास उपलब्ध नहरी पानी में से सिर्फ़ 33 से 34 प्रतिशत का प्रयोग कर रहा है। इसको आने वाले दिनों में बढ़ाया जायेगा। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि पंजाब पहले पड़ाव में नहरी पानी का प्रयोग को बढ़ा कर 60 प्रतिशत करेगा, जिससे कुल 14 लाख ट्यूबवैलों में से तकरीबन चार लाख ट्यूबवैल बंद हो सकें। इस कदम से भूजल बचाने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की भलाई के उद्देश्य से नवीन पहलकदमी करते हुए राज्य सरकार ने पहली बार सरकार-किसान मिलनी करवाई जिससे किसानों को कृषि संकट में से निकाला जा सके। भगवंत मान ने कहा कि लगातार बढ़ रही लागतों और घटते लाभ के कारण खेती अब लाभदायक धंधा नहीं रह गई और राज्य के किसान संकट में हैं। उन्होंने कहा कि इस बातचीत का एकमात्र उद्देश्य फ़ैसला लेने वालों और भाईवालों के दरमियान फर्क को घटाना है जिससे किसानों की ज़रूरतों अनुसार नीतियाँ तैयार की जा सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मिलनी के दौरान हुए विचार-विमर्श के बाद ही राज्य सरकार ने किसानों को नरमे की फ़सल की काश्त के लिए एक अप्रैल से नहरी पानी मुहैया करवाने का फ़ैसला किया। उन्होंने कहा कि राज्य की नरमा पट्टी में पानी की सप्लाई को यकीनी बनाया गया जिससे काश्तकारों को बड़े स्तर पर लाभ मिल सके। भगवंत मान ने कहा कि टेलों पर निर्विघ्न और अपेक्षित नहरी पानी की सप्लाई करने के लिए बड़े स्तर पर प्रयास किये गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जन हितैषी पहलकदमी के तौर पर राज्य सरकार ने सरकार आपके द्वार स्कीम शुरू की जिसके अंतर्गत ज़िले के अफ़सर ख़ास कर डिप्टी कमिश्नर और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर अधिक से अधिक क्षेत्रीय दौरे विशेषतः गाँवों में जाकर लोगों की दुख-तकलीफ़ें सुना करेंगे। उन्होंने कहा कि यह समय की मुख्य ज़रूरत है कि लोगों को उनके रोज़मर्रा के कामों को आसानी से करवाने साथ-साथ उनके लिए बढ़िया प्रशासन यकीनी बनाया जा सके। भगवंत मान ने कहा कि इससे ज़मीनी हकीकतों से अवगत होने के साथ-साथ कामकाज को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि सतलुज-यमुना लिंक (एस. वाई. एल) नहर के प्रोजैक्ट को अब यमुना- सतलुज लिंक (वाई. एस. एल.) के तौर पर जाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतलुज दरिया पहले ही सूख चुका है और किसी को एक बूँद पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। भगवंत मान ने कहा कि इसके उलट गंगा और यमुना का पानी सतलुज दरिया के द्वारा पंजाब को सप्लाई होना चाहिए जिससे राज्य की ज़रूरतों पूरी हो सकें।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अधिकतम लोक हितों के मद्देनज़र राज्य सरकार ने दफ़्तरों का समय सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे से बदल कर सुबह 7.30 से दोपहर 2 बजे तक कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह फ़ैसला आने वाले महीनों में लोगों को भयानक गर्मी से बचाने में सहायक होगा। भगवंत मान ने कहा कि इस फ़ैसले से आम व्यक्ति अपने काम से छुट्टी लिए बिना सुबह जल्द अपना काम कर सकेगा और इससे मुलाजिमों को भी सुविधा मिलेगी क्यों जो वह दफ़्तरी समय के बाद सामाजिक समागमों में शामिल हो सकेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने यह भी ऐलान किया कि होशियारपुर जिले के जो गाँव शहीद भगत सिंह नगर जिले के साथ जुड़ने के इच्छुक हैं, उनके बारे कैबिनेट द्वारा हमदर्दी से विचार किया जायेगा। उन्होंने गढ़शंकर बाइपास को अपग्रेड और मज़बूत करने का भी ऐलान किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा, पंजाब विधान सभा के डिप्टी स्पीकर जय कृष्ण रोड़ी, राज्य सभा मैंबर संत बलबीर सिंह सीचेवाल और अन्य भी उपस्थित थे।