करनाल : उत्तर हरियाणा समेत देश के विभिन्न भागों में हीट वेव से लोग परेशान है। जिसके चलते जन-जीवन प्रभावित हो रहा है। आसमान से जहां आग बरसती महसूस हो रही है। वहीं जमीन भट्टी की तरह तपती महसूस हो रही है। नो तपा के दिन लोगों पर भारी पड़ रहे है। तापमान 47 को पार कर गया। वहीं गर्म हवा के थपेड़े लोगों को परेशान कर रहे है। डॉक्टरों ने एडवाइजरी जारी की है कि बच्चे और बुजुर्ग घर से बाहर कम निकले। यदि निकले तो शरीर को कवर करके निकले। धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें। गर्मियों में जहां दोपहर को सडक़ों पर अघोषित कफ्र्यू लगा हुआ है। वहीं शीतल पेय लोगों को गर्मी से राहत दे रहा है।डॉक्टरों का कहना है कि गर्मी में धूप के कारण ब्रेन स्टॉर्क हो सकता है, किडनी फेल हो सकती है। खासतौर पर किडनी, शुगर, ब्लड प्रेशर ओर गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों का विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
क्या कहते है चिकित्सक : इस मामले को लेकर जब जाने-माने फिजीशियन डा. नेत्रपाल रावल से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि गर्मी में अधिक धूप में निकलने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। इसलिए बाजार के खाने से परहेज करें। खूब पानी पीयें और सेहतमंद रहे। लू से बचने के लिए ठंडी जगहों पर रहने की कोशिश करें। हॉट यानि तेज धूप में छाते का प्रयोग करें। हो सके तो ढीले व सूती कपड़े विशेषत: सफेद कलर के कपड़े पहने। सिर पर सूती कपड़े का हैट या पगड़ी रखें। दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक शारीरिक गतिविधि करने से परहेज करें।
यदि यह ग्वारा ना हो तो कम धूप में ही शारीरिक कार्य करें। पानी प्रचुर मात्रा में पिएं। कम नमक वाला दूध की कच्ची लस्सी व ग्लूकोज वाटर ले सकते हैं। अपने रहने वाले कमरे का तापमान कम से कम रखने के लिए पानी छिड़कें, खिड़की की छाया, पंखा तथा क्रॉस वेंटिलेशन रखें। व्यक्ति में लू या गर्मी लग जाने के लक्षण दिखाई देने पर उसे ठण्डी जगह पर ले जाएं तथा ऐसे व्यक्ति को कम से कम वस्त्र पहनाएं। ऐसे व्यक्ति के सिर व शरीर पर ठन्डे पानी की पट्टियां तथा बर्फ से भीगा कपड़ा रखें। बावजूद इसके अधिक असर दिखाई ना देने पर उसे तुरंत अस्पताल में ले जाएं।
डा. नेत्रपाल ने बताया कि शरीर पर सूर्य की पडऩे वाली सीधी धूप से दूर रहें। बिना छाते के गर्म व तेज धूप में ना जाएं। गहरे व काले रंग के वस्त्र ना पहने। सिर पर कपड़ा रखे बिना तेज धूप में ना निकलें। कमरे में यदि सीधी गर्म हवा आ रही है तो उसके आगे ना बैठें। लू से प्रभावित व्यक्ति को ठण्डी जगह पर ले जाने में देरी न करें। बाजार में बिकने वाले खुले व गले-सड़े फलों का प्रयोग न करें। बर्फ से बनने वाली कुल्फी के प्रयोग से परहेज करें, क्योंकि इनका पानी जरूरी है कि शुद्ध न हो। बिना ढका व रात को बाहर रखा खाने में सडऩ अथवा बैक्टीरिया हो सकते हैं, ऐसा खाना ना खाएं।