चंडीगढ़ : पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जारी मुहिम के दौरान राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में फेरबदल करके नकली जमाबन्दियों के आधार पर एच.डी.एफ.सी. बैंक से 40 लाख रुपए का कृषि ऋण सीमा हासिल करने के खि़लाफ़ सात व्यक्तियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अधीन मुकदमा दर्ज करके उन मुलजिमों में से तीन व्यक्तियों को गिरफ़्तार कर लिया है, और इस मुकदमे की आगे की जांच जारी है।
यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि इस केस में नवदीप सिंह निवासी गाँव कोहर सिंह वाला, तहसील गुरूहरसहाए जि़ला फिऱोज़पुर, विनोद कुमार और अमरजीत सिंह, दोनों राजस्व पटवारी, हलका बहादर के, तहसील गुरूहरसहाए जि़ला फिऱोज़पुर, जोगिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू, सहायक राजस्व पटवारी, परमिन्दर सिंह, ए.एस.एम. फर्द केंद्र गुरूहरसहाए, कुलविन्दर सिंह रिलेशनसिप मैनेजर, एच.डी.एफ.सी. बैंक ब्रांच गुरूहरसहाए, जामन दविन्दर सिंह पुत्र पिंड कोहर सिंह वाला, जि़ला फिऱोज़पुर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है। इन मुलजिमों में से जोगिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू, अमरजीत सिंह राजस्व पटवारी और दविन्दर सिंह को गिरफ़्तार कर लिया है।
अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि उक्त मुकदमा शिकायत नंबर 89/19 फिऱोज़पुर की पड़ताल के बाद दर्ज किया गया है। इस शिकायत की पड़ताल से पाया गया कि उक्त नवदीप सिंह, विनोद कुमार राजस्व पटवारी, जोगिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू और परमिन्दर सिंह ए.एस.एम. ने आपस में मिलीभगत कर राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में नकली एंट्री करके फर्जी जमाबन्दियां तैयार कीं, जिसके आधार पर साल 2016 में नवदीप सिंह के नाम पर एच.डी.एफ.सी. बैंक के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत के द्वारा 40 लाख रुपए के ऋण सीमा हासिल कर ली।
प्रवक्ता ने बताया कि बाद में इस घपलेबाज़ी सम्बन्धी पता लगने और बैंक से हासिल की गई रकम 40 लाख रुपए साल 2019 में जमा करवा दी। इसी तरह एक अन्य जुर्म करते हुए नवदीप सिंह गाँव कोहर सिंह वाला ने कैनेरा बैंक फरीदकोट से ऋण लेने के लिए साल 2016 में बैंक को दरख़ास्त दी, परन्तु इस ऋण के मौके पर एच.डी.एफ.सी. बैंक गुरूहरसहाए के पास गिरवी रखी हुई ज़मीन के खसरा नंबरों के आधार केस अप्लाई किया, परंतु सुरिन्दर कुमार कैनेरा बैंक फरीदकोट द्वारा इस ऋण को मंजूर नहीं किया गया।
इसके अलावा उक्त मुलजिम जोगिन्दर सिंह उर्फ बिट्टू द्वारा अपने नाम पर 122 कनाल 13 मरले की नकली जमाबन्दी तैयार करके ऐक्सिस बैंक जलालाबाद जि़ला फाजिल्का से 32 लाख रुपए की ऋण सीमा हासिल करने के लिए केस लगाया था, परन्तु बैंक द्वारा फिजिक़ल वैरीफिकेशन के मौके पर नकली जमाबन्दियों के बारे में पता लगने पर यह ऋण सीमा पास नहीं की गई। इसके उपरांत विनोद कुमार पटवारी की बदली होने पर अमरजीत सिंह पटवारी ने उक्त व्यक्तियों विनोद कुमार पटवारी, जोगिन्दर सिंह प्राईवेट सहायक पटवारी, परमिन्दर सिंह ए.एस.एम. द्वारा तैयार की गई नकली जमाबन्दियां और दस्तावेज़ों का पता लगने के उपरांत भी किसी दोषी के खि़लाफ़ कानूनी कार्यवाही करवाने की बजाय उसने नकली जमाबन्दियों की एंट्रियों की सत्यता सम्बन्धी एक रिपार्ट तैयार करके हलका कानूनगो और तहसीलदार गुरूहरसहाए से मंजूर करवाई।
इसके अलावा कुलविन्दर सिंह रिलेशनसिप मैनेजर, एच.डी.एफ.सी. बैंक ब्रांच गुरूहरसहाए ने नकली जमाबन्दियों वाली ज़मीन की फिजिक़ल तस्दीक करके कृषि ऋण सीमा हासिल करने में मुलजिमों की मदद की। इसी तरह जामन (गारंटर) दविन्दर सिंह गाँव कोहर सिंह वाला ने नवदीप सिंह की बैंक के दस्तावेज़ों पर झूठी गारंटी/गवाही डाली। प्रवक्ता ने कहा कि ऐसा करके उक्त मुलजिमों के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कानून की 13 (1) (ए), 13 (2) और आई.पी.सी. की धारा 409, 420, 465, 466, 467, 471, 120-बी ब्यूरो के थाना फिऱोज़पुर रेंज में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बाकी मुलजिमों को भी जल्द गिरफ़्तार कर लिया जायेगा।