चंडीगढ़ : पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर ने समूह फील्ड अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य में हाल ही में आई बाढ़ के बाद पंचायती ज़मीनों से कब्ज़े छुड़वाने की मुहिम को ज़ोरदार ढंग के साथ निरंतर जारी रखा जाए। विकास भवन (मोहाली) में समूह अतिरिक्त डिप्टी कमिशनरों (विकास), विभाग के डिप्टी डायरेक्टरों और डी.डी.पी.ओज के साथ अहम मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए स. लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हालाँकि विभाग द्वारा 11,665 एकड़ पंचायती ज़मीन से कब्ज़ा छुड़वा लिया गया है परन्तु अभी भी राज्य में हज़ारों एकड़ कृषि योग्य और ग़ैर-कृषि योग्य ज़मीन पर लोगों द्वारा कब्ज़ा किया हुआ है।
पंचायती ज़मीनों पर माइनिंग में भू-माफिया की शमूलियत सम्बन्धी मुद्दे को आड़े हाथों लेते हुए कैबिनेट मंत्री ने अधिकारियों को ऐसी ग़ैर-कानूनी गतिविधियों के विरुद्ध तुरंत एफ.आई.आर. दर्ज कराने के निर्देश दिए।ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री ने ईमानदारी और जवाबदेही को बरकरार रखने की वचनबद्धता को दोहराते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा ज़मीनों पर कब्ज़े कराने में विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की किसी भी तरह की मिलीभुगत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि इस साल सरकार ने 1.34 लाख एकड़ शामलात ज़मीन की बोली करवाकर 432.71 करोड़ रुपए राजस्व एकत्रित किया है। उन्होंने अधिकारियों को हिदायत की कि बाकी रहती करीब 7000 एकड़ शामलात ज़मीन की बोली एक हफ़्ते के अंदर-अंदर करवाई जाए।
फील्ड अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग के दौरान स. भुल्लर ने जहाँ राज्य में आई बाढ़ के बाद की स्थिति और विभाग द्वारा किए गए कामों का जायज़ा लिया, वहीं मुख्य दफ़्तर और फील्ड अधिकारियों की कारगुज़ारी के बारे भी जाना। उन्होंने समूह अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे मुख्यमंत्री स. भगवंत मान की दूरदर्शी सोच के मुताबिक गाँवों में कामों को ईमानदारी और लगन के साथ अंजाम दें। उन्होंने फील्ड अधिकारियों की कारगुज़ारी को निरंतर जाँचने और बुरी कारगुज़ारी वाले अधिकारियों को फटकार लगाने की भी हिदायत की।
कैबिनेट मंत्री ने विभाग की विभिन्न स्कीमों की समीक्षा समेत अहम मुद्दों जैसे रिहायशी कालोनियों और प्रोजेक्टों में आते पंचायती रास्तों के निपटारे, ठोस और गीले कूड़े के प्रबंधन, छप्पड़ों के नवीनीकरण, पंचायती राज इकाईयों के 100 प्रतिशत ऑडिट करवाने, मनरेगा, लाइवलीहुड मिशन, ज़िला परिषदों/पंचायत सम्मितयों की जायदादों और दुकानों के किराये, शिकायत निवारण में तेज़ी, अदालती मामलों के निपटारे सम्बन्धी कार्यवाही तेज करने और तकनीकी अदारे में ई.पी.एम. मोडयूल लागू करने सम्बन्धी मुद्दों पर भी विस्तृत चर्चा की। मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव डी.के. तिवारी, डायरैक्टर गुरप्रीत सिंह खैहरा, संयुक्त विकास कमिश्नर अमित कुमार, अतिरिक्त डायरैक्टर संजीव गर्ग, संयुक्त डायरैक्टर जगविन्दरजीत सिंह संधू, जोगिन्द्र कुमार, जतिन्दर सिंह बराड़ और विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।