नई दिल्ली। अगले माह यानी 10 मार्च से शुरु हो रहे संसद सत्र में वक्फ संशोधन विधेयक बिल लाया जा सकता है। इसे कैबिनेट ने गुरुवार को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, जेपीसी की रिपोर्ट के आधार पर इसे हरी झंडी दी गई है। इसे संसद के बजट सत्र के दूसरे हिस्से के दौरान पेश किया जा सकता है। 19 फरवरी की कैबिनेट की बैठक में इन संशोधनों को मंजूरी दी गई। इन संशोधनों के आधार पर बिल को मंजूरी दी गई है। बता दें कि इससे पहले वक्फ बिल पर जेपीसी रिपोर्ट को फर्जी बताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि ऐसी फर्जी रिपोर्ट को हम नहीं मानते, सदन इसे कभी नहीं मानेगा।
संसदीय समिति ने वक्फ बिल में नए बदलावों पर अपनी रिपोर्ट को 29 जनवरी को मंजूरी दी थी। इस रिपोर्ट के पक्ष में 15 और विरोध में 14 वोट पड़े थे। रिपोर्ट में उन बदलावों को शामिल किया गया है, जो बीजेपी सांसदों ने दिए थे। विपक्षी सांसदों ने वक्फ बोर्डों को खत्म करने की कोशिश बताते हुए असहमति नोट जमा कराए थे। विपक्ष ने वक्फ बिल को लेकर कई आपत्तियां दर्ज कराई थीं। इसके अलावा वक्फ बाय यूजर प्रावधान को हटाने के प्रस्ताव का विरोध भी किया था।वक्फ बिल को पहली बार पिछले साल अगस्त महीने में पेश किया गया था।
लेकिन विपक्ष के विरोध की वजह से इसे संसदीय समिति को भेजा गया था। बाद में कुछ संशोधनों के बाद जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली इस समिति ने रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। इस के बाद 13 फरवरी को वक्फ बिल पर संसदीय समिति की रिपोर्ट संसद में पेश हुई थी। समिति की रिपोर्ट के आधार पर वक्फ बिल का नया ड्राफ्ट तैयार किया गया। अब इस बिल को मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। बिल को बजट सत्र के दूसरे हिस्से में पेश किया जा सकता है। बजट सत्र का का दूसरा हिस्सा 10 मार्च से 4 अप्रैल तक चलेगा।