लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। भाजपा के लिए ये सीटें जीतना काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए पार्टी पूरी ताकत के साथ मैदान में डट गई है। इसी बीच हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बड़ी कामयाबी की वजह भी भाजपा ढूंढ रही है। इसी रणनीति के तहत यूपी की दस सीटें झटकने में प्रयास में भाजपा दिखाई दे रही है। इसके लिए भाजपा ओबीसी मतदाताओं तक पहुंच बनाने के लिए उसी फॉर्मूले को अपना सकती है। बता दें कि यहां 50 प्रतिशत से ओबीसी वर्ग के मतदाताओं की संख्या है। रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा का पिछड़ा वर्ग मोर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में अभियान चलाने की तैयारी में है।
इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की जाएगी भाजपा ओबीसी अधिकारों और आरक्षण के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है। इससे मतदाताओं की इन मुद्दों से जुड़ी चिंताएं दूर करने की कोशिश की जाएगी।पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने खुलासा किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के बीच हाल ही में हुई चर्चा ओबीसी अधिकारों के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने पर केंद्रित रही है। आरएसएस के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता आलोक अवस्थी ने कहा, हरियाणा में हमने सभी 36 समुदायों के साथ खड़े होने का प्रयास किया।
इसका परिणाम कांग्रेस की करारी हार थी। हम भविष्य के चुनावों में भी इस दृष्टिकोण को बनाए रखने का इरादा रखते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी समुदाय प्रतिनिधित्व महसूस करें। हमारा लक्ष्य जनता का विश्वास और समर्थन अर्जित करना जारी रखना है।हरियाणा की चुनावी सफलता को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश में भाजपा की रणनीति राजनीतिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकती है। भाजपा अपनी स्थिति को मजबूत करने और हाल ही में मिली जीत से मिली गति को बनाए रखने का प्रयास कर रही है।