HomeHaryana Newsपंचायती राज संस्थाओं को तीनों स्तर पर दी बड़ी जिम्मेदारियाँ- राज्यपाल

पंचायती राज संस्थाओं को तीनों स्तर पर दी बड़ी जिम्मेदारियाँ- राज्यपाल

चण्डीगढ (सतीश कुमार ): हरियाणा विधानसभा के सत्र के दौरान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दतात्रेय ने कहा कि सरकार सबका साथ सबका विकास, सबका प्रयास से पंचायतों की बागडोर पढ़े-लिखे जनप्रतिनिधियों के हाथों में सौंपने के बाद उन्हें कार्य और निधियां हस्तांतरित करके उन्हें सशक्त करने की दिशा में तत्परता से काम कर रही है। अब पंचायती राज संस्थाओं को तीनों स्तर पर बड़ी जिम्मेदारियाँ दी जा रही हैं। महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने के बाद पिछड़ा वर्ग (ए) के व्यक्तियों को भी पंचायती राज संस्थाओं में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया गया है। पी.आर.आई. में मतदाताओं को निर्वाचित प्रतिनिधि को हटाने का अधिकार भी दिया गया है।

उन्होंने कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, पंचायत समिति अध्यक्ष, पंचायत समिति उपाध्यक्ष, पंचायत समिति सदस्य, सरपंच तथा पंच, सभी का मानदेय बढ़ाया गया है। पूर्व जिला परिषद अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, पूर्व पंचायत समिति अध्यक्षों, उपाध्यक्षों तथा पूर्व सरंपचों को पेंशन दी जा रही है। राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान सरकार ने गांवों में लाल डोरा के अन्दर स्थित सम्पत्तियों पर मालिकाना हक को लेकर होने वाले विवादों को निपटाने के लिए लाल डोरे के भीतर आने वाली सम्पत्तियों के मालिकाना हक दिए हैं। सभी 143 तहसीलों व उप-तहसीलों में हरियाणा भूमि अभिलेख सूचना प्रणाली ‘वैब हैलरिस’ लागू की गई है। पारदर्शिता बढ़ाने के लिए राज्य की सभी तहसीलों व उप-तहसीलों में ई-दिशा केन्द्रों के माध्यम से नई रजिस्ट्रेशन प्रणाली शुरू की गई है। सरकार ने किसान हित में परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण का सहारा न लेकर केवल उन्हीं किसानों से सरकारी प्रकल्पों के लिए भूमि लेती है, जो स्वेच्छा से देना चाहते हैं।

शहरी बुनियादी ढांचे का निर्माण और उन्नयन सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। नागरिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 1152 कॉलोनियां नियमित की हैं। इनमें से 601 कॉलोनियां शहरी स्थानीय विभाग द्वारा तथा 551 कॉलोनियां नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग द्वारा नियमित की गई हैं। राज्यपाल ने कहा कि सरकार ने शहरी स्थानीय निकायों की प्रशासनिक और वित्तीय शक्तियों को बढ़ाया है, बेहतर नियंत्रण और निगरानी के लिए निर्वाचित सदस्यों को सशक्त बनाया गया है। शहरी स्थानीय निकायों के लिए राज्य वित्त आयोग अनुदान बजट को वित्त वर्ष 2022-23 के 2006 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान 2574 करोड़ रुपये किया गया।

इसके अलावा महानगरों का सुनियोजित विकास सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सोनीपत, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार में महानगर विकास प्राधिकरणों का गठन किया गया है। उद्योग न केवल हमारी अर्थव्यवस्था का मूल आधार ही नहीं बल्कि रोजगार-सृजन में भी इनकी अहम भूमिका है। सरकार ने उद्योग एवं व्यापार के अनुकूल परिवेश तैयार करने के लिए अनेक कारगर कदम उठाये हैं। इससे पूंजी निवेश के लिए आज हरियाणा देश-विदेश के उद्यमियों की पहली पसंद बन गया है। राज्यपाल ने कहा कि इंटरैक्टिव पोर्टल के माध्यम से औद्योगिक इकाइयों को एक ही स्थान पर मंजूरी प्रदान करने के लिए हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र स्थापित किया गया है। पोर्टल के माध्यम से अब 25 विभागों के 150 औद्योगिक अनुमोदन प्रदान किए जाते हैं। अब तक 3.67 लाख़ सेवाएं प्रदान की जा चुकी हैं। हाल ही में राज्य ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच राज्य व्यापार सुधार कार्य योजना एक्सरसाइज एसेसमेंट में ‘टॉप अचीवर’ का दर्जा हासिल किया है।

हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 की लागू – इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2022 लागू की है। इस नीति में हरियाणा की वाहन निर्माण क्षेत्र में अंतर्निहित मजबूती का लाभ उठाकर ई-मोबिलिटी के लिए एक पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है। इसके अन्तर्गत 35 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई है। प्रधानमंत्री के 5 एफ विजन-‘फार्म टू फाइबर टू फैक्ट्री टू फैशन टू फॉरेन’ के अनुरूप हरियाणा आत्मनिर्भर टेक्सटाइल नीति 2022-2025 शुरू की गई, जिसका लक्ष्य 5000 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित करना और 3,00,000 लोगों को रोजगार देना है। दिसंबर 2023 में शुरू होने के बाद से, इस नीति के तहत 500 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि सरकार विश्व बैंक और केंद्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से वित्त पोषित 5 वर्षीय कार्यक्रम आर.ए.एम.पी. में सक्रिय रूप से भाग ले रही है, जिसका उद्देश्य केंद्र-राज्य संबंधों को सुधारना, एम.एस.एम.ई. की बाजार और क्रेडिट तक पहुंच में सुधार करना और एस.एम.ई. को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक विस्तृत योजना तैयार की गई है और योजना के आधार पर 135.17 करोड़ रुपये का अनुदान स्वीकृत किया गया है। सफल कृषि-व्यवसाय और खाद्य प्रसंस्करण नीति-2018 और एम.एस.एम.ई.-2019 नीति को नया स्वरूप दिया जा रहा है और इन नीतियों के नए संस्करण तैयार किए गए हैं और वित्त वर्ष 2024-25 में अधिसूचित किए जाएंगे, जिनका लक्ष्य राज्य में 5000 करोड़ रुपये का निवेश और 30,000 लोगों को रोजगार देना है।

हरियाणा उद्योग के लिए एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा –  दतात्रेय ने कहा कि आज हरियाणा उद्योग के लिए एक पसंदीदा निवेश गंतव्य के रूप में उभरा है और कुछ प्रमुख निर्माताओं ने राज्य में परियोजनाएं स्थापित की हैं। मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड 800 एकड़ भूमि पर 18,000 करोड़ रुपये के निवेश और 20,000 व्यक्तियों के रोजगार के साथ आई.एम.टी. खरखौदा में एक कार निर्माण संयंत्र स्थापित कर रही है। सुजुकी मोटरसाइकिल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड भी आई.एम.टी. खरखौदा में 100 एकड़ क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये के निवेश और 2000 व्यक्तियों के रोजगार के साथ एक दोपहिया वाहन निर्माण सुविधा विकसित कर रही है।

राज्य में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, गुरुग्राम में ग्लोबल सिटी, आई.एम.टी. सोहना और आई.एम.टी. खरखौदा में विकास कार्य शुरू कर दिए गए हैं। बेहतर औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए मौजूदा विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक बुनियादी ढांचे का उन्नयन कार्य चल रहा है। रोहतक और बड़ी में मेगा फूड पार्क पर 175 करोड़ रुपये और 180 करोड़ रुपये के निवेश के साथ विकसित किए जा रहे हैं। राज्यपाल ने कहा कि अम्बाला और जींद में नए औद्योगिक पार्क स्थापित करने तथा बावल, सोहना और खरखौदा के औद्योगिक मॉडल टाउनशिप के विस्तार के लिए लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत 10,800 एकड़ भूमि की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके अलावा, राज्य के 23 स्थानों पर 30,000 एकड़ भूमि का अधिग्रहण ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से पी.ए.डी.एम.ए. स्कीम के तहत विस्तार और नए औद्योगिक क्षेत्रों के लिए किया जा रहा है।

सरकार आई.टी., आई.टी.ई.एस., इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग, मेडिकल उपकरण निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक खिलौने, एनीमेशन, विजुअल इफेक्ट्स, गेमिंग और कॉमिक्स, उभरती प्रौद्योगिकियों और इलेक्ट्रॉनिक कचरा पुनर्चक्रण जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर उपरोक्त क्षेत्रों के लिए समर्पित क्षेत्रीय नीतियां बना रही है। हरियाणा मूल के अप्रवासी उद्योगपतियों और निवेशकों के समक्ष आ रही कठिनाइयों व शिकायतों का समाधान एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिए चंडीगढ़ में अप्रवासी भारतीय शिकायत निवारण प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। हरियाणा उद्यम संवर्धन केंद्र के माध्यम से उद्यमों के लिए सिंगल रूफ क्लीयरेंस सिस्टम के तहत ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से सभी स्वीकृतियां जारी की जाती हैं।

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