पटना । बिहार में जातीय जनगणना जारी रहेगी, इस आशय का फैसला पटना हाईकोर्ट ने दिया है। यह बड़ा फैसला देकर कोर्ट ने साफ कर दिया कि राज्य में जातीय जनगणना जारी रहेगी। अदालत ने जातीय जनगणना पर रोक को लेकर दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार सरकार के लिए ये राहत भरी खबर है। अब यह कहा जा सकता है कि बिहार में एक बार फिर से जाति आधारित जनगणना का रास्ता साफ हो गया है। इसके खिलाफ याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार ने रिएक्ट किया है।
उन्होंने कहा कि पटना हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद बिहार में जातिगत जनगणना का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे। दीनू कुमार ने यह भी बताया की पहले कोर्ट ने स्पष्ट तौर पर यह कहा था कि जाति आधारित जनगणना कराने का अधिकार राज्य के पास नहीं है। यह अधिकार केंद्र सरकार का है। केंद्र सरकार ही जाति आधारित जनगणना करवा सकती है।
बता दें कि बिहार में जातीय जनगणना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार सुनवाई हो रही थी। जुलाई में सुनवाई पूरी हुई थी जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की खंडपीठ लगातार पांच दिनों से सुनवाई कर रही थी। सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित रखा और अब फैसला सुनाया गया। बिहार में सात जनवरी 2023 से जातीय जनगणना की शुरुआत हुई थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए राज्य सरकार की ओर से कराई जा रही जातीय और आर्थिक सर्वेक्षण पर चार मई को रोक लगा दी गई थी।