प्रयागराज । प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ की जिस तरह से तीन नई उम्र के बदमाशों ने गोलियों से भूनकर हत्या कर दी इस हत्याकांड ने सरकार और प्रशासन दोनों के कान खड़े कर दिए हैं। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन शूटर्स ने किसी के कहने पर इस वारदात को अंजाम दिया है? क्या कोई नया गैंग एक्टिव हो रहा है? ऐसे ही तमाम सवालों का जवाब खोजने के लिए और इस वारदात के असली मास्टरमांड तक पहुंचने के लिए पुलिस ने अपनी जांच का दायरा बढ़ा दिया है। इन माफिया ब्रदर्स की हत्या की जांच कर रही एसआईटी अब 12 अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच प्रयागराज में फ्लाइट और दूसरे यात्रा के तरीकों से आने और जाने वालों की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा इसी अवधि के दौरान प्रयागराज में की गई सभी कॉलों को भी स्कैन किया जा रहा है, खासतौर से शाहगंज में की जाने वाली कॉल्स को।
पिछले माह की कॉल्स की भी जांच कर रही है एसआईटी – एसआईटी अब इन हत्यारों के पिछले महीने किए गए कॉल्स की भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने कहा कि इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि तीनों का शहर या देश के अन्य हिस्सों से कोई संबंध था या नहीं। इसके अलावा यह भी पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि तीनों ने 12 अप्रैल को राज्य के रोडवेज बस से प्रयागराज पहुंचने के बाद मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था या नहीं। सूत्रों के मुताबिक हमलावरों ने शुरू में दावा किया था कि वे अतीक के गिरोह को खत्म कर अपना नाम बनाना चाहते थे। उन्होंने वारदात के लिए अस्पताल परिसर का मुआयना किया और हत्याओं को अंजाम देने के लिए इसे सबसे सुरक्षित साइट पाया था।
आरोपियों का कहना है कि उनका प्लान तो अतीक को उस दिन मारना था, जिस दिन (13 अप्रैल) उसे कोर्ट में पेश किया गया था, लेकिन भारी पुलिस बल होने के कारण उन्होंने अगले दिन का प्लान बनाया, लेकिन जब 14 अप्रैल को भी भारी फोर्स अतीक के साथ दिखी तो उन्होंने 15 अप्रैल को कॉल्विन हॉस्पिटल में मौका पाते ही उनकी हत्या कर दी।