Health Time : नट्स में भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम, और अनसैचुरेटेड फैटी एसिड पाए जाते हैं। रोजाना नट्स का सवन करने से सेहत बनी रहती है लेकिन डायबिटीज (मधुमेह) के मरीजों को सोच समझकर ही नट्स का सेवन करना चाहिए क्योंकि डायबिटीज के मरीजों के लिए डाइट बहुत महत्वपूर्ण होती है। डायबिटीज के मरीज जो भी खाते हैं, उसका सीधा असर उनके ब्लड शुगर पर पड़ता है। आइए जानते हैं डायबिटीज के मरीजों को कौन से नट्स का सेवन करना चाहिए।
बादाम : बादाम खाने से शरीर में ग्लुकोज का स्तर सामान्य रहता है। बादाम ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और व्यक्ति को डायबिटीज और दिल संबंधी समस्याओं में फायदा पहुंचाते हैं। रोजाना बादाम के सेवन से शरीर में मैग्नीशियम की कमी भी दूर होती है!
अखरोट : अखरोट के सेवन से पेट भरा रहता है और ज्यादा खाने की क्रेविंग नहीं होती है। रोजाना अखरोट का सेवन करने से वजन कम होता है। साथ ही ये डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
पिस्ता: पिस्ते में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और गुड फैट होता है। इसको खाने के बाद लंबे समय तक भूख नहीं लगती है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिस्ता खाने से डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर का स्तर नॉर्मल बना रहता है। रोजाना फलों के साथ पिस्ते का सेवन फायदेमंद होता है।
मूंगफली : मूंगफली में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है। टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए मूंगफली बहुत फायदेमंद होती है। रोजाना मूंगफली के सेवन से वजन कम होने के साथ दिल संबंधी बीमारी होने का खतरा भी कम होता है। डायबिटीज के मरीजों को मूंगफली के सेवन से बहुत फायदा पहुंचता है, क्योंकि ये डायबिटीज के मरीजों में ब्लड शुगर के लेवल को नॉर्मल रखती है।
काजू : ब्लड प्रेशर के मरीजों को अपनी डाइट में काजू जरूर शामिल करने चाहिए। काजू ब्लड प्रेशर सामान्य रखने के साथ दिल की बीमारियों में भी फायदेमंद होते हैं। डायबिटीज के मरीजों को भी काजू के सेवन से फायदा पहुंचता है।
हाइपरटेंशन, ब्रेन स्ट्रोक से बचाएंगे मसाले
हाइपरटेंशन, ब्रेन स्ट्रोक, कोलेस्ट्रॉल, फैटी लिवर, डायबिटीज और बुखार जैसी बीमारियों से अब रसोई मसाले बचाएंगे। बस इसमें अन्य औषधीय पौधों (मेडिसिनल प्लांट) का समावेश किया जाएगा, जो आपकी सेहत को बिगड़ने नहीं देंगे। उत्पादन और प्रसंस्कण में बदलाव की तैयारी कर ली गई है।
विशेषज्ञों के अनुसार 95 फीसदी मसालों में औषधीय गुण मिल रहे हैं। अगर उसमें अन्य औषधीय पौधों का मिश्रण कर दिया जाए तो प्राकृतिक रूप से होने वाली बीमारियों से लोगों बचाया जा सकता है। औषधीय गुणों वाले मसालों की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।