चंडीगढ़ : वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग की कार्यकुशलता में विस्तार करने और इसके कामकाज को और अधिक सुचारू बनाने के उद्देश्य से, वन एवं वन्यजीव संरक्षण मंत्री लाल चंद कटारूचक ने विभाग के अधिकारियों को चल रहे प्रोजेक्टों में तेज़ी लाने और इनको समय पर मुकम्मल करने के साथ-साथ प्राप्त ग्रांट्स की सही प्रयोग करने के निर्देश दिए। यहाँ पंजाब सिविल सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक के दौरान मंत्री को अवगत करवाया गया कि दिढ़बा पार्क के लिए विकास योजना के अनुसार पखाने, चारदीवारी का निर्माण करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा लैंडस्केपिंग, वॉकिंग ट्रैक, गार्ड क्वार्टर भी बनाए जाएंगे। इसके साथ ही फरवरी के मध्य के बाद पौधे लगाने का काम शुरू किया जाएगा, क्योंकि तब तक सर्दियों का मौसम ख़त्म हो जाएगा।
वन संरक्षण अधिनियम, 1980 के अंतर्गत एन.ओ.सीज का मुद्दा उठाते हुए मंत्री ने हिदायत की कि तथ्यों की पड़ताल के उपरांत एन.ओ.सी. जारी करने में किसी भी तरह की देरी नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा पंजाब सरकार की नीति के अनुसार किसी भी तरह के भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।राज्य के हितों के लिए अधिकारियों को एक टीम के रूप में काम करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए मंत्री ने पठानकोट में कथलौर वन्यजीव अभयारण्य के विकास और वल्चर रैस्टोरैंट के उचित रखरखाव के अलावा कंडी क्षेत्रों में प्राकृतिक तरीके से पौधे लगाने के विकल्प तलाशने पर ज़ोर दिया।इस मौके पर अन्यों के अलावा वित्त कमिश्नर (वन) विकास गर्ग, पी.सी.सी.एफ.आर. के. मिश्रा, सी.सी.एफ. (एफ.सी.ए.) बसंता राज कुमार और वन संरक्षक (साउथ सर्कल) अजीत कुलकर्णी शामिल थे।