चण्डीगढ़ – हरियाणा पुलिस ने बिहार से एक साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है जो विदेशी रिश्तेदार बनकर कुरुक्षेत्र निवासी पीडि़त के साथ 3 लाख रुपये की ठगी कर रहा था। पीडि़त को जैसे ही ठगी का एहसास हुआ, उसने अपनी शिकायत तुरंत साइबर पोर्टल पर दर्ज करवाई। उक्त केस में कार्रवाई करते हुए स्टेट नोडल साइबर पुलिस स्टेशन, पंचकूला ने केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की। तफ्तीश में कार्रवाई करते हुए साइबर ठाणे ने ने विदेशी रिश्तेदार बनकर ठगी करने आरोपी को बिहार से गिरफ्तार किया।
विदेशी रिश्तेदार बनकर की थी कॉल, खाते से उड़ाए थे 3 लाख रूपए – पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मोडस ऑपरेंडी में रैंडम कालिंग कर ठगी करते है। इसमें पीडि़त को बातों में लेकर विश्वास दिलाते है कि वो उनके विदेश में रहने वाले रिश्तेदार है और किसी मुसीबत में है और उस मुसीबत से बचने के लिए वो रूपए की डिमांड करते है। पीडि़त डरते हुए पैसे उनके दिए हुए खाते में जमा करवा देता है। इस केस में भी ऐसा ही हुआ था। कुरुक्षेत्र निवासी हरदीप सिंह के पास कॉल आई जिसमें साइबर ठग ने खुद को उनका विदेश रहने वाला रिश्तेदार बताया और इमरजेंसी में फंसने के कारण पैसे की डिमांड करने लगा। साइबर ठग की बातों में आकर पीडि़त ने उसे 50,000 और ढाई लाख रुपये करके दो ट्रांसक्शन्स में कुल 3 लाख रूपए भेज दिए। लेकिन थोड़ी देर में जैसे ही ठगी का एहसास हुआ उसने तुरंत अपनी शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल पर दी। स्टेट क्राइम ब्रांच चीफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने केस को सुलझाने की जि़म्मेदारी स्टेट नोडल साइबर पुलिस स्टेशन, पंचकूला को दी, जिसपर ये कार्रवाई की गई।
अलग अलग खाते में ट्रांसफर हुई थी रकम , 15 दिन से टीम लगी थी आरोपी के पीछे – प्रवक्ता ने बताया कि साइबर थाना पंचकूला प्रबंधक सूरज चावला और सहायक उपनिरीक्षक सतीश कुमार ने मामले में केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू की। केस पर काम करते हुए अनुसन्धान अधिकारी ने ठगे हुए रुपयों को ट्रेस किया गया और बैंक से संपर्क कर डिटेल मंगवाई गई। जहाँ से पता चला कि ठगी के 50 हज़ार रुपये एक बैंक के एक खाते में और ढाई लाख रुपये दूसरे बैंक के एक खाते में ट्रांसफर हुए है। इसके बाद भी ठग रुके नहीं और बचने के लिए शातिराना तरीके से दोनों बैंकों से रुपये निकाल कर तीसरे अन्य बैंक में ट्रांसफर कर दिए। बैंक में ट्रांसक्शन की डिटेल से तीसरे बैंक तक टीम पहुंची और जानकारी प्राप्त की तो दो आरोपियों अंकुश पासवान पुत्र प्रभु पासवान और मोहम्मद ज़ुबैर पुत्र अब्बास मोहम्मद निवासी बिहार की जानकारी प्राप्त हुई।
आरोपियों को पकडऩे के लिए स्टेट नोडल साइबर पुलिस थाने से टीम बनाई गई जिसमें सहायक उप निरीक्षक सतीश कुमार, कांस्टेबल अनुज, गौरव और अजय शामिल रहे। आगे जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी अपनी गिरफ़्तारी से बचने के लिए बार बार अपना स्थान बदल रहे थे। हालाँकि वो ज़्यादा देर बच नहीं सके और मुख्य आरोपी अंकुश पासवान निवासी बिहार को टीम ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की। वहीँ दूसरा आरोपी फरार हो गया। आरोपी अंकुश पासवान को कोर्ट में पेश किया गया जो उसे माननीय अदालत द्वारा 4 दिन का पुलिस रिमांड मंज़ूर किया गया। मुक़दमे में तफ्तीश जारी है।
3 महीने में ही बचाये 10 करोड़ रुपये, 299 साइबर अपराधी पहुंचाए सलाखों के पीछे – ओ पी सिंह, आईपीएस
स्टेट क्राइम ब्रांच चीफ अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, ओ पी सिंह ने जानकारी देते हुए साइबर अपराध एक सोशल इंजीनियरिंग पर चलता है। साइबर अपराध को रोकने के लिए बेहतर साइबर ट्रेनिंग और जनता को जागरूक करने की आवश्यकता है। प्रदेश पुलिस प्रत्येक जिले साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इसके अलावा, स्टेट क्राइम ब्रांच ने वर्ष 2023 का ट्रेनिंग कैलेंडर जारी कर दिया है जिसके तहत प्रदेश के प्रत्येक अनुसंधान अधिकारी को साइबर अपराध की ट्रेनिंग देने की शुरुआत कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, जनता में जागरूकता बढऩे का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगा सकते है कि सिर्फ इस वर्ष जनवरी से मार्च महीने तक साइबर अपराध से सम्बंधित तकऱीबन साढ़े 25 हज़ार शिकायतें दर्ज की गई। जिस पर हमने काम करते हुए 531 केस दर्ज किए। विभिन्न मुकदमों में 299 साइबर अपराधियों को हमने सलाखों के पीछे भिजवाया है। 1930 में साइबर हेल्पलाइन में वर्तमान में 24 घंटे काम कर रही है और जिसमें जिला पुलिस के साथ मिलकर सिर्फ 3 महीनों में ही हमने तकऱीबन 10 करोड़ रुपये बचाने में सफलता हासिल की है।