नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट से कई दिनों बाद उद्धव ठाकरे समूह को बड़ी राहत की खबर मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना पार्टी की चल या अचल संपत्ति को अलग करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। याचिका में यह भी मांग की गई थी कि इसे नए पार्टी अध्यक्ष को स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए। मुंबई के एक वकील आशीष गिरि ने अपनी याचिका में ठाकरे समूह को पार्टी फंड ट्रांसफर करने से रोकने के लिए भी सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कहा कि शिवसेना पार्टी की चल या अचल संपत्ति को अलग करने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता से पूछा, आप इस मामले में जनहित याचिका दाखिल कैसे कर सकते हैं। आप कौन हैं। शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास मौजूद सभी संपत्ति एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को ट्रांसफर करने की मांग करते हुए यह याचिका दाखिल की गई थी। बता दें कि शिवसेना पिछले साल दो गुटों में वक्त बंट गई थी। उस वक्त शिंदे के शिवसेना गुट ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी। आशीष गिरी नाम के वकील ने यह याचिका दाखिल की थी। याचिका को खारिज करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने पूछा, यह किस तरह की याचिका है और आप कौन हैं। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप की याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है।
पार्टी फंड ट्रांसफर पर रोक की थी मांग – शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के पास मौजूद सभी संपत्ति एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को पार्टी फंड ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। मुंबई के एक आशीष गिरी नाम के वकील ने यह याचिका दाखिल की थी।
शिंदे गुट को दिया था चुनाव चिन्ह, धनुष और तीर – आपको बता दें कि बता दें कि उद्धव ठाकरे और सीएम एकनाथ शिंदे गुटों की क्रॉस-याचिकाओं के एक बैच पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखने के बाद शिंदे गुट को चुनाव चिन्ह, धनुष और तीर दिया था। फिलहाल अभी यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है।