अमृतसर : राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी पहल करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने 1600 करोड़ रुपए की लागत से स्कूल शिक्षा की मुकम्मल तौर पर कायाकल्प करने के लिए बड़े प्रोजेक्टों का आग़ाज़ किया। यहाँ ‘शिक्षा क्रांति रैली’ के दौरान बड़ी जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 7000 से अधिक स्कूलों की चारदीवारी करने के लिए 358 करोड़ रुपए ख़र्च किये जाएंगे। उन्होंने आगे बताया कि स्कूलों में बैंचों और अन्य फर्नीचर पर 25 करोड़ रुपए और वॉशरूमों पर 60 करोड़ रुपए ख़र्च किये जा रहे हैं। इसी तरह 10,000 नये क्लास रूम बनाने के लिए 800 करोड़ रुपए ख़र्च किये जा रहे हैं, जिनका काम चल रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हरेक स्कूल को कैंपस मैनेजर मुहैया करवाया जा रहा है और हरेक सरकारी सेकंडरी स्कूल को दो-दो सुरक्षा गार्ड दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों ख़ास तौर पर लड़कियों के यातायात की सुविधा के लिए स्कूलों में बस सेवा शुरू की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पंजाब पहला राज्य होगा जहाँ हरेक सरकारी स्कूल में वाई-फायी कनैक्शन की सुविधा होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि छह महीनों के अंदर राज्य के सभी स्कूल इन्टरनेट की सुविधाओं से लैस होंगे।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बहुत जल्द राज्य भर के सरकारी स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कोर्स शुरू किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक लाख विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रशिक्षण दिया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि 10,000 अध्यापकों को भी ए.आई. कोर्सों का प्रशिक्षण दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि पहले पंजाब को हरित और श्वेत क्रांति के लिए जाना जाता था, परन्तु अब रज्य को शिक्षा क्रांति के लिए भी जाना जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा और ज्ञान के क्षेत्र में इंकलाबी बदलाव लाने के लिए उनकी सरकार महान सिख गुरू साहिबानों द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चल रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य के लिए आज ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज गुरू साहिबान की चरण छू प्राप्त पवित्र धरती से शिक्षा क्रांति का आग़ाज़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह क्रांति 70 साल पहले ही शुरू हो जानी चाहिए थी, परन्तु बदकिस्मती से यह कभी नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने आज राज्य का पहला स्कूल ऑफ ऐमिनेंस पंजाब निवासियों को समर्पित कर दिया है, जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर और पिछड़े वर्गों के बच्चों की तकदीर बदल जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस इंकलाब की नींव दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने दिल्ली के राम लीला मैदान से भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ जंग शुरु करने के मौके पर रखी थी। उन्होंने कहा कि इसके नतीजे के तौर पर आज सपने को हकीकत में बदल दिया गया और स्कूलों को मानक शिक्षा के केंद्र के रूप में बदला जा रहा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में एक और ऐतिहासिक प्रयास करते हुए विद्यार्थियों की यातायात की सुविधा के लिए बस सेवा भी शुरू की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि इन स्कूलों में उच्च् दर्जे के बुनियादी ढांचे को विकसित किया गया है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों की महारत को और अधिक निखारने के लिए उनको विदेश भेजने के साथ-साथ बाहर के राज्यों से पेशेवर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस दौरान भगवंत सिंह मान ने कहा कि स्कूलों के विद्यार्थियों का तजुर्बा बढ़ाने के लिए इसरो और अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं के दौरे करवाए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने व्यंग्य करते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी स्कूलों पर स्मार्ट स्कूलों के बोर्ड लगाकर लोगों की आँखों में धूल झौंकने की कोशिश की, परन्तु इन स्कूलों में कोई सुविधा नहीं थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने अब इन सरकारी स्कूलों को सही मायनों में आधुनिक स्कूलों में बदलना शुरू किया है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि हमारे यह प्रयास भविष्य में भी जारी रहेंगे और शिक्षा क्षेत्र की मुकम्मल रूप में कायाकल्प कर दी जायेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए भगवंत सिंह मान ने उनको लोगों के साथ किये वादे पूरा करने वाली शख्सियत बताया। उन्होंने कहा कि अरविन्द केजरीवाल ने लोगों को दी हरेक गारंटी पूरी की है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि उनकी सरकार लोगों की सेवा मिशनरी भावना के साथ करने के लिए पूर्ण रूप से वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अब तक अलग-अलग विभागों में 36,097 से अधिक नौजवानों को सरकारी नौकरियाँ मुहैया करवाई हैं। उन्होंने कहा कि यह एक रिकॉर्ड है क्योंकि पिछली किसी भी सरकार ने अपने कार्यकाल के शुरुआती महीनों में नौजवानों को इतनी नौकरियाँ नही दीं। भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि नौजवानों को यह नौकरियाँ केवल मैरिट और पारदर्शिता के आधार पर दी गई हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उस धरती पर ‘स्कूल ऑफ ऐमिनेंस’ की स्थापना की है, जहाँ पिछली सरकारों के समय के दौरान खुलेआम नशे बाँटे जाते थे। उन्होंने कहा कि यह पहला हाईटेक स्कूल राज्य के विद्यार्थियों की किस्मत बदलने में और अधिक सहायक होगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह अति-आधुनिक स्कूल विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान करने में अहम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति कोई लिहाज़ न बरतने की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा कि भोली-भाली जनता का पैसा लूटने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जायेगा और ऐसे व्यक्ति को उसके गुनाहों के लिए जवाबदेह बनाया जायेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य को लूटने वाले भ्रष्ट राजनेताओं के विरुद्ध सख़्त से सख़्त कार्यवाही की जा रही है।अपने राजनैतिक विरोधियों पर बरसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन नेताओं को पंजाबी का बिल्कुल भी इल्म नहीं है परन्तु फिर भी यह हमें उपदेश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने उनके खजाने की रक्षा की जि़म्मेदारी सौंपी है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब वह लोगों के कल्याण को सुनिश्चित बनाने के लिए सरकारी खजाने को किसी भी तरह नुकसान नहीं पहुँचने देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस रैली में लोगों के भारी जलसे ने सरकार के प्रति उनके प्यार पर मोहर लगाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आम लोगों के कल्याण के लिए महत्वपूर्ण पहलें की हैं और आने वाले दिनों में ऐसे और कदम उठाए जाएंगे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार राज्य के विकास और यहाँ के लोगों की खुशहाली के लिए वचनबद्ध है। अपने संबोधन में शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मुख्यमंत्री द्वारा राजनीति में एक नये युग की शुरुआत करने की सराहना की। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने अपने शासन के केवल डेढ़ साल के अंदर ही शिक्षा प्रणाली का कायाकल्प कर दिया। हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि पंजाब सरकार ने विद्यार्थियों और अध्यापकों के कल्याण के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और न ही भविष्य में छोड़ेगी।